

21 जून, 2025
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में शनिवार सुबह 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों, संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ ध्यान योग आश्रम एवं आयुर्वेद शोध संस्थान, कठनी, सुबाथू से योग तीर्थ जी महाराज के नेतृत्व में योग अभ्यास किया गया।
कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के डीन डॉ. मनीष शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व एवं उसकी पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने अपने संबोधन ने योग को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने की एक समग्र भारतीय पद्धति बताते हुए इसको दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भले ही आधुनिक विकास ने जीवन को आरामदायक बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही जीवनशैली संबंधी कई बीमारियाँ भी तेजी से बढ़ी हैं, जो हमारे प्रदर्शन को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में योग अपनाकर हम स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं।
योग सत्र का नेतृत्व योग तीर्थ जी महाराज ने किया। उन्होंने योग, आध्यात्मिकता और सादगीपूर्ण जीवन जैसे विषयों पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जिसे प्रत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अपना सकता है। दो घंटे के इस सत्र में प्रतिभागियों को विभिन्न योग आसनों, उनकी सही तकनीकों एवं लाभों की जानकारी दी गई। सत्र का समापन ध्यान अभ्यास के साथ हुआ।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. एच.पी. संख्यान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वैधानिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, संकाय सदस्य, कर्मचारी, एनसीसी, एनएसएस और स्काउट्स एंड गाइड्स के वालन्टीर सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। ध्यानयोग आश्रम से स्वामी योगव्रत, प्रियव्रत और श्यामवी त्यागी ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।



