Himachal : पति को कोर्ट से मिला न्याय: व्हाट्सएप पर मिली थी पत्नी की आपत्तिजनक वीडियो, अदालत ने दी तलाक को मंजूरी

एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के व्हाट्सएप पर उसकी आपत्तिजनक वीडियो मिली। पकड़े जाने के बाद पत्नी ससुराल छोड़कर भी चली गई। तलाक की याचिका दायर करने से पहले पति ने पत्नी को वापस बुलाने के लिए कॉल भी किए, लेकिन वह नहीं आई। करीब तीन साल तक वापस नहीं आने पर पति ने परित्याग के आधार पर अदालत में याचिका डाली और तलाक को मंजूरी देने की अपील की।

अदालत ने अब एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए तलाक को मंजूरी दे दी है। मामले में पति कुल्लू और पत्नी शिमला जिले संबंधित है। उनकी शादी वर्ष 2019 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। पति अन्य राज्य में नौकरी करता है। पत्नी भी उसके साथ क्वार्टर में रह रही थी। पति के टूर पर जाने के दौरान पत्नी ने प्रेमी को कमरे में बुलाया। वर्ष 2022 के एक दिन जब दोनों अपने पैतृक घर में थे, तो पत्नी के मोबाइल पर एक कॉल आया।

पति ने कॉल उठाई तो किसी ने बात नहीं की। वापस कॉल किया, तो भी कोई जवाब नहीं मिला। पति ने संदेह होने पर कॉल डिटेल की जांच की, तो पाया कि उस नंबर से कई बार बात हुई है। पति ने व्हाट्सएप की जांच की, तो पत्नी की एक व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक वीडियो और फोटो मिले। पति ने उन वीडियो और फोटो को अपने मोबाइल पर भेज दिए। पूछताछ करने पर पहले पत्नी ने सभी बातों को झूठ बताया। जब उसे वीडियो और फोटो दिखाए, तो वह हैरान हो गई। पत्नी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। इस घटना के बाद सुसराल को छोड़कर चली गई।

याचिका में बताया गया कि दोनों पक्ष दो साल से ज्यादा समय से अलग रह रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच सुलह या पुनर्मिलन की कोई संभावना नहीं है। उनके बीच का विवाह पूरी तरह से टूट चुका है, इसलिए याचिका को स्वीकार किया जाए। अदालत ने पत्नी को याचिका के बारे सूचित किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद प्रतिवादी के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही की गई। याचिकाकर्ता ने स्वयं सहित दो गवाहों को पेश किया। अभिलेख पर प्रमाणपत्र, फोटोग्राफ और पेन ड्राइव भी प्रस्तुत किया। इसके बाद अब अदालत ने निर्णय दिया है कि चर्चा के आधार पर यह स्थापित होता है कि प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता को छोड़ दिया है। उसने वर्तमान कार्यवाही से दो साल से अधिक समय तक याचिकाकर्ता को छोड़कर रखा है। याचिका स्वीकार की जाती है। पक्षकारों के बीच संपन्न विवाह को परित्याग के आधार पर तलाक से भंग किया जाता है।

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