
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने देश के 15 शहरों पर हमले की कोशिश की, जो नाकाम कर दी गई। अभी भी पाकिस्तान की सेना द्वारा एलओसी पर लगातार भारी गोलीबारी की जा रही है। ऐसे में कर्नल मनहर शर्मा (अवकाश प्राप्त) का कहना है कि भारतीय सेना दिमाग के साथ दिल से भी काम करती है। पाकिस्तानी सेना में ऐसा नहीं है।उन्होंने बताया कि 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में जाने के निर्देश मिले थे। पश्चिम बंगाल के कालीगंज में बंद पड़ी शुगर मिल को हमने अपना बेस कैंप बनाया। जहां हमारा बेस कैंप था उसके आगे एक तालाब था।तालाब में से दो पाकिस्तानी सैनिक बाहर निकले। रात भर पानी में रहने की वजह से वह काफी ठंडे हो गए थे। उन्हें धूप में बिठाया और नाश्ते का इंतजाम किया। इसके बाद पूछा कि अगर आपकी जगह हम होते तो क्या करते। पाकिस्तानी सैनिकों ने कहा कि हम तुम्हारे टुकड़े कर देते। मनहर शर्मा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना और भारतीय सेना में बस यही अंतर है।मनहर शर्मा भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध में बतौर कैप्टन शामिल हुए थे। आज उनकी उम्र 78 वर्ष है। उन्होंने कहा कि अब भारत को आतंकवाद का खात्मा करके ही रुकना चाहिए।





