पुलिस ने पूछा, ई-चालान क्यों नहीं भुगता, लोग बोले-चालान कब हुआ; इस सर्वे में हुआ खुलासा

हिमाचल : प्रदेश में वाहनों के ई-चालान हो रहे हैं, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं मिल रही। कोर्ट में लंबित ई-चालान को लेकर प्रदेश पुलिस की टीटीआर विंग (ट्रैफिक, टूरिस्ट एंड रेलवे) के सर्वे में यह खुलासा हुआ है। सर्वेक्षण के लिए पुलिस के जवान जब डोर टू डोर पहुंचे तो लोग बोले-आर्थिक कठिनाई और व्यक्तिगत समस्याओं के कारण चालान नहीं भुगत सके।प्रदेश में ई-चालान सेवा मई 2019 में शुरू हुई और 7 मई 2025 तक कुल 51,48,295 चालान जारी हुए। पुलिस ने 30,88,750 चालान कंपाउंड किए और 19,39,402 चालान कोर्ट भेजे गए। 14,36,748 चालान कोर्ट में अभी भी लंबित हैं। लंबित चालानों के कारण जांचने को पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर टीटीआर विंग ने शिमला, कांगड़ा, मंडी और ऊना जिलों में 500 चालानों का सर्वे किया। सर्वे में वाहन पंजीकरण में मोबाइल नंबर अपडेट न होने से चालान की जानकारी वाहन मालिक को न मिलना, वाहन बिकने के बाद नए मालिक द्वारा नंबर अपडेट न करना, ई-चालान में वाहनों के दस्तावेज जब्त न होना, ई चालान की ई-कंपाउंडिंग की जानकारी न होना, लंबित चालानों के बावजूद वाहनों को एनओसी जारी होना और भुगतान किए गए चालान पोर्टल पर लंबित दिखाना शामिल है। ई-चालान का भुगतान न होने पर नियमित एसएमएस भेजने की व्यवस्था न होना भी चालान लंबित होने का बड़ा कारण है। टीटीआर विंग के प्रभारी एआईजी विनोद कुमार ने बताया कि ई-चालान होने के बाद रिपीट मैसेज भेजने की व्यवस्था लागू करने की योजना है।

आदतन उल्लंघन करने वाले 45 लोगों पर अलग सर्वे
टीटीआर विंग ने ऐसे आदतन उल्लंघन करने वालों को भी चिह्नित कर सर्वे किया, जिनके 20 से अधिक चालान लंबित थे। ऐसे 334 उल्लंघन करने वाले लोगों में से 45 पर सर्वे किया गया। पुलिस की टीमें इन लोगों के घर पहुंची। 45 में से 24 के मोबाइल नंबर सही पाए गए। उल्लंघन करने वालों ने दावा किया कि उन्हें चालान की जानकारी नहीं मिली। कुछ ने आर्थिक कठिनाइयों, व्यक्तिगत समस्याओं, समन या एसएमएस न मिलने को कारण बताया। अधिकतर मामलों में गलत मोबाइल नंबर और अधूरे पते के कारण समस्या पेश आई।

वाहन पंजीकरण डाटाबेस में वाहन मालिक अपना सही मोबाइल नंबर और सही पता अपडेट करवाएं। नियमित तौर पर ई-चालान पोर्टल पर जाकर अपने लंबित चालान की जानकार प्राप्त करें। क्योंकि समय से चालान का भुगतान न करने पर कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है- डॉ. अतुल वर्मा, पुलिस महानिदेशक

सर्वे में सामने आए तथ्य
500 में से 282 चालान के मोबाइल नंबर सही थे, जबकि 218 के नंबर गलत थे। सिर्फ 43 वाहन मालिकों को एसएमएस या समन के माध्यम से जानकारी मिली, जबकि 457 ने कोई सूचना न मिलने का दावा किया। 41 चालकों ने चालान का भुगतान कर दिया था, लेकिन पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ। जिन वाहन मालिकों के फोन नंबर पर संपर्क नहीं हुआ वहां पुलिस डोर टू डोर पहुंची लेकिन 30 पते भी गलत पाए गए। 180 व्यक्तियों से सीधे सवाल-जवाब किए गए। 10 वाहन मालिकों ने वाहन बेच दिए थे जबकि एक वाहन स्क्रैप हो चुका था।
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