
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
12 सितंबर 2024

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजाैली स्थित मस्जिद में कथित अवैध निर्माण मामले में राज्य सरकार के दो मंत्रियों ने भाजपा पर निशाना साधा है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने गुरुवार को संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में साल 2029 में मस्जिद निर्माण के लिए करीब दो लाख रुपये की फंडिंग की। यह पैसा सरकार के प्लानिंग हेड से दिया गया। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सूचना यह भी है कि जयराम ठाकुर ने सीएम रहते हुए 12 लाख रुपये की मदद की। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विधानसभा में एमसी की ओर से दिए जवाब के अनुसार मस्जिद में पहले एक मंजिल बनी थी और 2010 से 2024 तक इसके ऊपर चार मंजिलें अवैध बनाई गईं। मंत्री ने मस्जिद कमेटी संजाैली व मौलवी व वक्फ बोर्ड की अवैध निर्माण को खुद गिराने व हटाने के लिए एमसी आयुक्त को आवेदन देने के फैसले का स्वागत किया है। कहा कि यह पूरे देश के लिए एक मिसाल है।
स्ट्रीट हॉकर्स व वेंडर्स के लिए कमेटी जल्द
स्ट्रीट हॉकर्स व वेंडर्स के लिए आज कमेटी भी फाइनल होने जा रही है। कानून में संशोधन के जरिये हिमाचल या हिमाचल के बाहर के सभी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। कहा कि संजाैली में हुए प्रदर्शन में आधे से ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ता थे। कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए। अनिरुद्ध ने कहा कि रियासत काल में 1945-46 की जमाबंदी में यह जमीन राणा साहब बहादुर कोटी के नाम थी। 1951-52 तक प्रांतीय सरकार में धर्म इस्लाम के नाम इसका कब्जा रहा।
प्रवासियों के मामले पर बनेगी कमेटी: विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संजाैली में हुए घटनाक्रम को सरकार ने गंभीरता से लिया है। लगातार सरकार माहाैल को ठीक करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे। इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम संजाैली मस्जिद कमेटी की ओर से आज लिया गया है और एमसी आयुक्त को अवैध निर्माण को सील करने का आवेदन दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में बाहर से जो प्रवासी आ रहे हैं, उनकी चैकिंग और वेरिफिकेशन होनी चाहिए। इसके लिए बहुत जल्द कमेटी बनाई जाएगी और जनता के सुझाव लिए जाएंगे। कहा कि मस्जिद मामले पर भाजपा राजनीति न करे। मस्जिद की तीन मंजिलों का निर्माण कोरोनाकाल में हुआ। कोरोना के समय किसकी सरकार थी, काैन शिमला का मेयर था। ये सब चीजें भी रिकाॅर्ड में आनी चाहिए। दूसरों पर अंगुली उठाना आसान होता है। पूर्व भाजपा सरकार के शहरी विकास मंत्री ने खुद मस्जिद के माैलाना को ट्रांसफर करने के लिए डीओ नोट लिखा।





