

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर स्थिति पदम महल परिसर में आज पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह का चतुर्वार्षिक श्राद्ध (चवरख) किया जा रहा है। रामपुर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग इसमें शामिल हुए। राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल रामपुर स्थित ऐतिहासिक पदम महल परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए। यह समारोह पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के निधन की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया। राज्यपाल ने राजा वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक महान राजनेता, दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता और जनता के सच्चे सेवक थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए जो योगदान दिया, वह आज भी प्रदेशवासियों के हृदय में अमिट रूप से अंकित है।
उनका जनसेवा से जुड़ा जीवन भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। राज्यपाल ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाकर हिमाचल की संस्कृति और आस्था की रक्षा के लिए जो कदम उठाया, वह उनकी देवभूमि के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की पवित्रता और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य किया, जो उन्हें एक सच्चे सांस्कृतिक संरक्षक के रूप में स्थापित करता है। राज्यपाल ने राजा वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह को सांत्वना दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों, परिजनों, स्थानीय नागरिकों और शुभचिंतकों ने समारोह में भाग लेकर पूर्व मुख्यमंत्री की स्मृति को नमन किया।15 जुलाई को वीरभद्र की प्रतिमा का अनावरण
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इसका अनावरण 15 जुलाई को किया जाएगा। पहले अनावरण कार्यक्रम 23 जून को रखा गया था, लेकिन आला कमान ने इस समारोह में आने की इच्छा जताई है। इसके चलते समारोह को 15 जुलाई के लिए निर्धारित किया गया है।



