प्रदेश की चर्चित आईपीएस इल्मा अफरोज ने खाली किया आवास

#खबर अभी अभी बी.बी.एन ब्यूरो*

8 नवबंर 2024

हिमाचल प्रदेश के पुलिस जिला बददी की पुलिस कप्तान पर अघोषित तबादले की गाज गिरी है। लगातार सियासतदानों के निशाने पर रहे बददी पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने नाटकीय घटनाक्रम में लंबी छुटटी पर जाने का निर्णय लिया और रातों रात अपना आवास भी खाली कर दिया। जनवरी के अंत में नौ माह पहले 2018 बैच की आई.पी.एस अफसर कुमारी इल्मा अफरोज ने पुलिस जिला बददी के एस.पी का कार्यभार संभाला था। इसी बीच कई कारणों को लेकर उनका सी.पी.एस से कई मुददों को वैचारिक टकराव भी हुआ जो कि बाद में सार्वजनिक भी हो गया। सीपीएस ने कुछ बातों को लेकर इल्मा के विरुद्व विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। कुछ समय पहले इल्मा अफरोज ने सीपीएस के परिवार के टिप्परों व जेसीबी का चालान किया था तभी से यह मामला बिगडा था।

मात्र 9 माह का कार्यकाल रहा सराहनीय-
पुलिस महकमें में 9 महीने के अपने कार्यकाल के दौरान ईमानदारी व कड़े परिश्रम का फल एक महिला अधिकारी को परेशानियों के रूप में मिला है। पुलिस जिला बद्दी में पिछले नौ माह से अपराध व अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए रात दिन मेहनत करने वाली आईपीएस इल्मा अफरोज के साथ बुधवार को कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें रातोंरात बद्दी स्थित अपना एसपी आवास अचानक ही खाली करना पड़ गया। दरअसल जिला पुलिस बददी की कप्तान कुमारी इल्मा अफरोज सात व आठ नवंबर को शिमला सचिवालय में होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन की तैयारियों में जुटी थी।

बुधवार को वह इसी सिलसिले में शिमला पहुंची। इस दौरान उनकी मुलाकात सरकार के नेताओं व पुलिस विभाग के आलाधिकारियों के साथ हुई। इस मुलाकात के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि एस.पी बद्दी इल्मा अफरोज उल्टे पांव वापस बददी पहुंची और देर रात को पहुंचने के बाद आवास से अपना सारा सामान समेटने को मजबूर हो गई। वीरवार सुबह जब एसपी बददी शिमला न होकर बददी में दिखीं तो यह मामला आग की तरह शहर में फैल गया। सूत्रों ने बताया कि एस.पी बद्दी इल्मा अफरोज लंबे समय से विधानसभा हनन प्रस्ताव के आरोपों में घिरी थी और उन पर इसकी कार्रवाई हुई है।

दून में नेताओं के साथ चल रहा था टकराव 
एसपी बददी इल्मा अफरोज का सीपीएस साथ कई मुददों पर टकराव चल रहा था। पिछले कई महीनों से चल रहे इस शीतयुद्ध में कई ऐसे कारण उत्पन्न हुए, जिसके चलते सरकार पर भी कई तरह का दबाव आने लगा। बता दें कि 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में एस.पी के नहीं पहुंचने पर सीपीएस नाराज हो गए थे। उसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री का एसपी कार्यालय में दौरा हुआ तो उस दौरान भी सीपीएस वहां से किनारा करते हुए वहां से गायब हो गए थे।

वहीं उसके कुछ समय के बाद बद्दी पुलिस ने एक अवैध खनन के मामले में कांग्रेस नेता के परिवार के लोगों के वाहनों का चालान भी किया। इसके अलावा ऐसे कई विवाद उत्पन्न होने से यह टकराव बढ़ता गया। इसी विषय में सीपीएस ने विधानसभा सत्र के दौरान बाकायदा शिमला में प्रेस वार्ता कर एसपी की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप जड़ेे थे और उन्हें अपरिपक्व करार दिया था।

तबादले की पहले भी हुई थी तैयारी 
सूत्रों ने बताया कि एसपी बददी इल्मा अफरोज के तबादले की योजना एक बार पहले भी रची जा चुकी थी, लेकिन इसी बीच नालागढ़ के एक यौन शोषण प्रकरण में जांच के लिए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने उनको बदलने पर स्टेटस रिपोर्ट सौंपे जाने तक रोक लगा रखी थी। उस समय हाई कोर्ट के आदेशों के बाद एसपी बद्दी के तबादले का संकट टल गया था और उन्हें कुछ और महीने बीबीएन क्षेत्र में सेवाएं देने का अवसर मिला।

किताबें और मेडल लेकर उत्तर प्रदेश लौटी इल्मा 
शिमला में हुई गुप्त बैठक के बाद लौटी इल्मा अफरोज ने एसपी आवास में पहुंचकर अपना सामान समेटा और वीरवार को ही उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के लिए रवानगी कर ली। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बीबीएन क्षेत्र में रहते हुए कई एतिहासिक कार्य किए और उन्हें कई सम्मान भी हासिल हुए। उन्होंने उन मेडल व किताबों को अपनी धरोहर मानते हुए उन्हें समेटा और उन्हें अपने साथ लेकर उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गई।

इल्मा के नेतृत्व में बीबीएन में सुधरा क्राइम रेट
आईपीएस इल्मा अफरोज के नेतृत्व में औद्योगिक क्षेत्र बददी बरोटीवाला नालागढ़ में क्राईम रेट में काफी बदलाव देखने को मिला। नौ माह के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सट्टाबाजों, चिट्टा कारोबारियों, अवैध खनन माफिया पर लगाम कसी। इस दौरान उन्होंने एक लड़ाई के दौरान हुई मौत के मामले में 18 लोगों को गिरफ्तारियां कर सख्त कार्रवाई का संकेत दिया। हालही में एक गोलीबारी मामले में एक बिजनेस मैन पर मामला दर्ज कर उनकी योजना पर पानी फेरने में सफलता पाई।

इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के सैंकड़ों बच्चों को एसपी कार्यालय परिसर में निशुल्क शिक्षा के साथ साथ उन्हें मुख्य जीवनधारा में जोडऩे का कार्य किया। महिलाओं की आवाज बनी और उनके लिए एक अलग व विशेष समय निकालकर उनकी व्यक्तिगत तौर पर समस्याओं को सुना। इसी तरह बीबीएन एसपी कार्यालय की परिधि में आने वाले सभी क्षेत्रों का दौरान कर लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को निपटाने की पूरी योजना पर काम किया।

एसपी बददी इल्मा अफरोज के अघोषित तबादले को लेकर बीबीएन क्षेत्र की प्रबुध जनता ने रोष जताया है कि इस प्रकार एक ईमानदार अधिकारी का अल्पकाल नौ माह में तबादला नहीं होना चाहिए था। उनके नेतृत्व में जहां कई नशा चिट्टा तस्करों को जेल में डाला गया, वहीं दूसरी ओर खनन पर भी भारी जुर्माने लगाकर उनको एनजीटी में भेजा गया। बददी के खेड़ा गोलीकांड में उन्होंने स्वयं दखल अंदाजी देकर मात्र सात दिन में इस षडयंत्र का खुलासा किया। एस.पी. बददी से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह निजी कारणों से अपने गृह क्षेत्र मुरादाबाद जा रही हैं और फिलहाल उन्होंने अपना कार्यभार एएसपी बददी को सौंप दिया है।

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