प्रधान ही लगाएंगे टेंडर, एक माह लेट हुए तो बीडीओ को जिम्मा, सीएम का प्रधानों को आश्वासन

शिमला |

पंचायतों में प्रधान ही टेंडर लगाएंगे, अगर एक माह देरी हो जाती है तो बीडीओ को टेंडर लगाने का जिम्मा दिया जाएगा। प्रधानों को ही पंचायत में विकास की जरूरत का सही पता होता है। उन्हें लोगों से वोट भी लेने होते हैं, इसलिए सुख-दुख में लोगों के बीच में बैठते हैं। सरकार की मंशा यह नहीं है कि प्रधानों की शक्तियां छीनी जाएं। पंचायतीराज महासंघ के बैनर तले सचिवालय पहुंचे प्रधानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानों से टेंडर देने की शक्तियां वापस लेने की पहले जारी हुई अधिसूचना काे सरकार वापस लेगी।

इससे पहले पंचायतीराज महासंघ के प्रधान विजेंद्र सिंह चंदेल ने मुख्यमंत्री के समक्ष टेंडर प्रक्रिया में किए बदलाव को निरस्त करने की थी। इसके अलावा ग्राम सभा में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों में 20 कामों से अधिक काम न करने की पाबंदी हटाने और बीपीएल सूची तैयार करने में पंचायत प्रतिनिधियों की सम्मानजनक भागीदारी सुनिश्चित करने सहित अन्य मांगें भी उठाईं थीं। इससे पहले प्रदेश सरकार ने पंचायतों में टेंडर की शक्ति बीडीओ की कमेटी को सौंप दी थी। पंचायतों में टेंडरों में होने वाली गड़बड़ियों की शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने व्यवस्था में बदलाव किया थाए ताकि पारदर्शिता के साथ टेंडर हों और निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाए सरकार
पंचायतीराज महासंघ ने मुख्यमंत्री से मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दो साल आगे बढ़ाने की भी मांग उठाई। तर्क दिया है कि दिसंबर 2020 में चुनाव हुए थे और तुरंत बाद कोरोना महामारी फैल गई। इसके बाद 2023 में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आई, जिसके कारण पंचायतों में विकास कार्य प्रभावित हुआ। महासंघ ने मुख्यमंत्री से 2025 में होने वाले चुनाव 2027 में करवाने की अपील की।

Share the news