

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे पीलिया और डायरिया के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट हो गई है। मेडिकल कॉलेजों के अलावा जिला अस्पतालों में प्रतिदिन जलजनित रोग के 10 से 15 मामले पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर अस्पताल प्रबंधन को प्रर्याप्त मात्रा में दवाओं का स्टॉक उपलब्ध रखने को कहा है। सरकार ने जल शक्ति विभाग को भी पानी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। जहां पानी पीने योग्य नहीं है, वहां पर सूचना पट्टिका लगाने के लिए कहा है।
इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज (आईजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला, टांडा, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा और नाहन मेडिकल काॅलेज के अलावा जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सीविल अस्पतालों में जलजनित रोगों के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा है। डाॅक्टर ओपीडी में आने वाले मरीजों को जागरूक कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गंदे पानी के कारण ही डायरिया का जीवाणु शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में पीलिया के बाद डायरिया होने का खतरा रहता है। इस कारण डॉक्टर पीलिया रोग ठीक होने के बाद भी एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। डायरिया का बैक्टीरिया पीलिया से पहले भी शरीर पर आक्रमण कर सकता है। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने बताया कि हिमाचल में बरसात के चलते जलजनित रोग के मामले आ रहे हैं। इसके चलते स्वास्थ्य संस्थानों को एडवाइजरी जारी की है। लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।
डायरिया के लक्षण और परहेज
शरीर के अंदर का तापमान कम होने से उल्टी और दस्त की शिकायत।
छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं।
पीलिया ग्रस्त मरीज का पाचन तंत्र कमजोर होता है, शरीर में भी पानी की कमी।
बचाव क लिए ठंड से परहेज रखना होगा
दूषित पानी पीने से डायरिया का बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है।
पानी उबाल कर पीयें।
तरल पदार्थ और हल्का भोजन ज्यादा करें।



