
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
4 सितंबर 2023

प्राकृतिक आपदा से धंस रहे गांवों और दरक रही जमीन के कारणों का पता लगाने के लिए भू-वैज्ञानिकों की टीम सैंज घाटी पहुंच गई है। टीम घाटी के लगभग एक दर्जन गांव का दौरा कर मिट्टी और पानी के सैंपल लिए हैं। सैंज घाटी में दस जुलाई की बाढ़ और इस दौरान हुई भारी बारिश से दर्जनों गांव खतरे की जद में हैं। कई जगह जमीन धंस रही है और कई क्षेत्र में लगातार हो रहा भूस्खलन चिंता का विषय बना हुआ है
गाड़ापारली, शैंशर, देहुरीधार, सुचैहण, दुशाहड़, देवगढ़ गोही, बनोगी, तलाडा और रैला पंचायतों के करीब दो दर्जन गांव से लोग पालायन कर पड़ोसी गांव में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने दरक रही जमीन का निरीक्षण भू- वैज्ञानिकों से करवाने का फैसला लिया। भारी बारिश के दौरान विभिन्न स्थानों पर हुए अंधाधुंध भूस्खलन के मूल कारणों को जानने के लिए भू-वैज्ञानिकों की एक टीम सैंज पहुंच गई है।
वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक तृप्ति बाबा ने बताया कि लगातार हो रहे भारी भूस्खलन वाले स्थानों का दौरा कर प्रारंभिक तौर पर जांच शुरू कर दी गई है। प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के कारणों की जांच के लिए हिमाचल सरकार ने वैज्ञानिकों की टीम को बुलाया है।
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