मंत्री जगत नेगी के काफिले पर काले झंडे फेंकने के मामले में तिरंगे के अपमान का भी केस

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग में 25 जुलाई को कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के काफिले पर काले झंडे फेंकने, गाड़ी पर जूते मारने और पत्थरबाजी की घटना ने नया मोड़ ले लिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि मंत्री की गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा था, फिर भी आक्रोशित भीड़ ने जान बूझकर हमला किया। इस घटना में तिरंगे का अपमान करने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने पहले से दर्ज मामले में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत तिरंगे के अपमान से जुड़ी धाराएं भी जोड़ी हैं। उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय को थुनाग से स्थानांतरित करने के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन को लेकर तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं।
पहली एफआईआर में 57 लोगों पर गलत तरीके से रोकने, लोक सेवक के कर्तव्य में बाधा, गैरकानूनी जमावड़ा व अन्य आरोप हैं। इन लोगों ने मंत्री की गाड़ी को रोका और काले झंडे लहराए। दूसरी एफआईआर में सुरक्षा को खतरा, चोट पहुंचाना, धमकी के तहत पत्थरबाजी और गाली-गलौज का आरोप है। तीसरी एफआईआर में सात महिलाओं पर गाड़ी रोकने, नारेबाजी और जूता फेंकने का आरोप लगा। शिकायतकर्ता जगदीश रेड्डी के अनुसार तिरंगे का अपमान भी किया गया है। उधर, पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने बताया कि मामले में सामने आ रहे तथ्यों के अनुसार कार्रवाई जा रही है। तिरंगे का किसने अपमान किया है, वीडियो फुटेज भी खंगाली जा रही है।
राहत देने की जगह प्रभावितों को मिल रही एफआईआर की सौगात : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि आपदा प्रभावितों को राहत देने के स्थान पर सरकार उनके खिलाफ एफआईआर करवा रही है। मुख्यमंत्री को अगर लगता हैं कि एफआईआर ही समस्या का हल है तो मेरे खिलाफ भी मामला दर्ज करवा दीजिए। सरकार आपदा प्रभावितों को राहत देने में पूरी तरह विफल साबित हुई और जो लोग आपदा में अपना सब कुछ गवां बैठे हैं उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार की कारगुजारी के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने वाले आपदा प्रभावित के खिलाफ सरकार देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाती है तो सरकार उनके खिलाफ भी कार्रवाई करे। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की इससे अधिक बदकिस्मती और क्या होगी कि राजस्व मंत्री जिनके पास आपदा प्रबंधन का भी दायित्व है आपदा प्रभावितों को राहत देने के स्थान पर एफआईआर करवा कर वापस आ रहा है।

Share the news