मदरसों में नफरत की शिक्षा, उन्माद का ज्ञान, जिहाद का पढ़ाया जा रहा विज्ञान SIT करें जांच : विवेक शर्मा

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

14 अक्तूबर 2024

विवेक शर्मा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहां हिमाचल सहित सभी प्रान्तों व केंद्र शासित राज्यों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पत्र लिखा है कि मदरसों के कारण मुस्लिम समुदाय के बच्चों के भविष्य में रुकावट पैदा हो रही है। 2009 में शिक्षा के अधिकार कानून R.T.E की अवहेलना हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली से बच्चों को वंचित रखा जा रहा है। यह प्रदेश सरकार की जिम्मेवारी है कि वह शिक्षा को लेकर के अपना दायित्व निर्वाह करें जो संविधान मौलिक अधिकार देता है। हिमाचल प्रदेश सरकार को भी यह समझना होगा। मदरसे भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्ष कानून, सेकुलर वाद को चुनौती है। भारत में धार्मिक संस्थाओं द्वारा चलाई जाने वाले शैक्षणिक संस्थान चाहे मिशनरी द्वारा चलाए जा रहे हो, चाहे खालसा पंत द्वारा चलाए जा रहे हो या चाहे DAV द्वारा या सनातन द्वारा सभी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं। तो आखिर मदरसे अल्पसंख्यक विभाग के अंतर्गत क्यों ?यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है।

क्या वहां पर पढ़ रहे बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित माना जाए, क्या यह बाल शोषण नहीं है। क्या यह मानव अधिकार का उल्लंघन नहीं है। शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने का अपराध करने का लाइसेंस मदरसो को किसने दिया है। इससे भी महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि मदरसों में पैसा कहां से आ रहा है। रोहित ठाकुर शिक्षा मंत्री से आग्रह है उत्तर प्रदेश शिक्षा मॉडल की तारीफ के साथ-साथ यूपी मॉडल के आधार पर मदरसो की आय के ऊपर एक पुलिस SIT का गठन हिमाचल सरकार भी करें, यह जानने के लिए की उनकी आय के स्रोत क्या है। हिमाचल प्रदेश में अधिकृत 35 व अनाधिकृत 50 से अधिक मदरसो की सरकार जांच करवाएं।

क्योंकि मदरसों में नफरत की शिक्षा, उन्माद का ज्ञान, व जिहाद का विज्ञान पढ़ाया जा रहा है जो राष्ट्रहित में नहीं है। व राष्ट्रवाद की कल्पना प्रत्येक विद्यार्थी में उत्पन्न हो यह प्रदेश सरकार का दायित्व है। “भाजपा प्रदेश सरकार से यह आग्रह करती है कि सर्वोत्तम न्यायालय के निर्णय व निर्देशों को प्रदेश सरकार तुरंत अमल में लाऐ व कानून की
अनुपालना हिमाचल सरकार करें व तुरंत प्रभाव से सभी मदरसो पर “राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग” द्वारा सुझाए गए दिशा निर्देशों के तहत तुरंत कार्रवाई करें।
बच्चों को राष्ट्र की मुख्य शिक्षामॉडल एनसीईआरटी के सिलेबस के अधीन शिक्षा प्रदान हो यह प्रदेश सरकार सुनिश्चित करें।

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