मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात के बाद आढ़तियों ने वापस ली हड़ताल

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

21 जुलाई 2023

After the himachal govt intervention, Adhati called off the strike, apples will be sold in the mandis from Fri

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात के बाद आढ़तियों ने हड़ताल वापस ले ली है। शुक्रवार से सभी मंडियों में सेब की खरीद फिर शुरू हो जाएगी। सीजन के दौरान हड़ताल से बागवानों की चिंता बढ़ गई थी। किलो के हिसाब से सेब बेचने के सरकार के आदेशों के खिलाफ आढ़ती हड़ताल पर उतरे थे। गुरुवार को मंडियों में सेब नहीं बिका, जिससे बागवानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। गुरुवार देर शाम आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारी सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने आढ़तियों को हड़ताल खत्म करने के लिए कहा। आश्वासन दिया कि उनकी समस्याएं हल की जाएंगी। आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बागवानों की मर्जी से सेब बेचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बागवान वजन से कहेंगे तो वजन से बेचेंगे, पेटी से कहेंगे तो पेटी से बेचेंगे। इससे पहले बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि किलो के हिसाब से सेब बिक्री का फैसला वापस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह कानून है और लागू होकर रहेगा

किलो के हिसाब से बिके सेब, हम सरकार के साथ
संयुक्त किसान मंच ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर सरकार से किलो के हिसाब से सेब बिक्री के फैसले पर कायम रहने का आह्वान किया। कहा कि हम सरकार के साथ हैं। मंच के संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, सोहन सिंह ठाकुर ने कहा कि आढ़तियों की हड़ताल राजनीति से प्रेरित है। चंद भाजपा समर्थित आढ़ती भ्रम पैदा कर रहे हैं। सरकार एपीएमसी कानून को लागू कर रही है। यह स्वागत योग्य है। हैग्स के राजीव चौहान और रणवीर झोहटा ने तौल कर सेब बिक्री के फैसले पर सरकार का समर्थन किया।

किलो के हिसाब से सेब बेचने के लिए मंडियों में जगह नहीं
आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में कहा कि किलो के हिसाब से सेब बेचने के लिए मंडियों में जगह नहीं है। आढ़तियों से दुर्व्यवहार किया गया, इसलिए हड़ताल की। सरकार हमारी समस्याएं भी सुने। हम किसानों, बागवानों और सरकार के साथ हैं। प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि बागवान खुद कह रहे हैं कि हमारा सेब किलो में नहीं बेचो। बागवानी मंत्री के साथ बैठक में भी हमने शंका जाहिर की थी। सरकार के आदेशों पर किलो के हिसाब से सेब बेचा, लेकिन नुकसान उठाना पड़ा। हिमाचल की मंडियां फेल करने के लिए राजनीतिक साजिश रची जा रहा है।

गुरुवार को मंडियों में नहीं बिकीं सेब की एक लाख पेटियां
दावा किया गया है कि गुरुवार को सेब की करीब एक लाख पेटियां नहीं बिकीं। ठियोग की पराला और शिमला की भट्ठाकुफर सहित प्रदेश की अन्य मंडियों में सेब कारोबार नहीं हुआ। मंडियों में पहुंची सेब की पेटियां नहीं बिकने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। हड़ताल के फैसले की सूचना नहीं होने के कारण बहुत से बागवान अपना सेब लेकर मंडियों में पहुंच गए। कुछ बागवान अपना सेब लेकर चंडीगढ़ और पंचकूला चले गए, लेकिन गाड़ियों का इंतजाम करने में दिक्कत पेश आई।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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