मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाली खनन सामग्री को लीज की आड़ में हो रहा करोड़ों का घोटाला

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

1 जुलाई 2023

नालागढ़ में 5000 करोड़ की लागत से बनने वाला मेडिकल डिवाइस पार्क बनने से पहले ही सुर्खियों में आ चुका है और विवादों में गिरता हुआ नजर आ रहा है आपको बता दें कि 4 गांवों के लोगों ने एकत्रित होकर मेडिकल डिवाइस पार्क को जाने वाली सड़क पर चक्काजाम शुरू कर दिया है क्योंकि मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाली खनन सामग्री से लदे ट्रकों के कारण सड़क पर धूल मिट्टी होने से ग्रामीणों में जहां बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है वहीं अगर बारिश होती है तो स्कूली बच्चे महिलाएं एवं बुजुर्ग पैदल चलने तक उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा होने के कारण लोग बाइक मोटरसाइकिल से तो दूर पैदल तक नहीं चल सकते जिसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष देखा जा रहा है ग्रामीणों ने मेडिकल डिवाइस पार्क को जाने वाले मार्ग पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है और ग्रामीणों ने चेतावनी देकर कहा है कि कॉल
अगर जल्द सड़क की दशा एवं मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाले ट्रकों को बंद नहीं करवाया जाता तब तक वह इसी तरह अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।

इस बारे में जब हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनका कहना है कि मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाली खनन सामग्री को सरकारी नियमों को दरकिनार कर पंजाब नंबर के ट्रकों में लोड करके माफिया करोड़ों रुपया लूटने में लगा हुआ है और स्थानीय लोगों को उल्टा नुकसान झेलना पड़ता है और पहले धूल मिट्टी से लोग परेशान है और ज़ब बारिश हो जाती है तो पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है जिसके चलते कई गावों के लोगों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है वहीं सड़क से गुजरने में भी लोगों को भारी परेशानी होती है क्योंकि 1 दिन में सौ से ज्यादा ट्रक इस मार्ग से गुजरते हैं जिसके कारण सड़क की भी दशा काफी खस्ता हो चुकी है और सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं जिसके कारण लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी होती है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब तक इन ट्रकों को बंद नहीं किया जाता और सड़क की दशा को नहीं सुधारा जाता तब तक वह अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे और इस दौरान अगर कोई भी घटना घटित होती है तो उसका जिम्मेवार स्थानीय प्रशासन और सरकार होगी।

आपको बता दें कि ग्रामीणों का आरोप है कि मेडिकल डिवाइस पार्क से एम फार्म के माध्यम से ट्रकों को लोड किया जाता है और उसके बाद जिस क्रशर मालिक के पास लीज है उस क्रेशर पर ट्रकों को खाली किया जाता है और कच्चे माल को क्रेशर पर पक्के माल के रूप में तैयार किया जाता है जिसमें रेत बजरी अलग अलग हो जाती है और उस रेत बजरी को क्रेशर मालिक अन्य कहीं पर भी बिल के साथ बेच सकता है।

लेकिन यहां पर उल्टा हो रहा है जैसे ही मेडिकल डिवाइस पार्क से ट्रक लोड होता है तो उसे बिना किसी रोक-टोक के पंजाब में बेचा जा रहा है जो कि अपने आप में हिमाचल प्रदेश के खजाने पर भी मार पड़ रही है क्योंकि करोड़ों रुपए का टैक्स चोरी अब तक खनन माफिया कर चुका है और सरकारी नियमों को दरकिनार कर प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत करके यह अवैध तरीके से खनन सामग्री को पंजाब में बेचा जा रहा है और यह खनन माफिया पंजाब की बेशकीमती खनन सामग्री को लूटने में लगा हुआ है स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से इस माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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