

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
29 नवंबर 2022
भारतीय शेयर बाजार ने बीते तीन सालों से लगातार निवेशकों को जमकर पैसा बनाकर दिया है। माना जा रहा है कि 2020, 2021, 2022 के बाद 2023 में भारतीय शेयर बाजार में तेजी बनी रह सकती है। बीएसई सेंसेक्स दिसंबर 2023 तक 80,000 के स्तर को छू सकता है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गेन स्टैनली के विश्लेषकों ने यह अनुमान जारी किया है।
20 अरब डॉलर का निवेश संभव
मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि अगर भारत को ग्लोबल बॉन्ड सूचकांक में शामिल कर लिया जाता है तो अगले 12 महीनों में देश में 20 बिलियन डॉलर के करीब निवेश आ सकता है। मॉर्गन स्टैनली ने पहले 2022 में ही भारत के इस सूचकांक में शामिल होने की उम्मीद जाहिर की थी लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें थोड़ा विलम्ब हो सकता है। बॉन्ड सेटलमेंट के नियमों और टैक्स जटिलता जैसे मुद्दों का निदान किया जाना पहले जरूरी है।
कच्चे तेल के दामों में कमी का फायदा!
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक कमोडिटी प्राइसेज जैसे तेल और फर्टिलाइजर की कीमतों में कमी आती है और 2022-25 तक सलाना 25 फीसदी के दर से अर्निंग ग्रोथ देखने को मिलता है तो सेंसेक्स 80,000 के आंकड़े को छू सकता है। मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक अगर रूस-यूक्रेन का प्रभाव 2023 में नहीं पड़ा और अमेरिका में मंदी नहीं आई, सरकार की तरफ से नीतिगत समर्थन मिलता रहा आरबीआई ने ब्याज दरें नहीं बढ़ाई तो सेंसेक्स का बेस केस टारगेट 68,500 है लेकिन कमोडिटी के दामों में उछाल आई और आरबीआई ने ब्याज दरें तेजी से बढ़ाई, अमेरिका यूरोप में मंदी के चलते भारत का विकास पर असर पड़ा तो सेंसेक्स 52,000 तक गिर सकता है लेकिन इसकी संभावना केवल 20 फीसदी है।
2023 के पहले छमाही में सुस्ती
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महंगे वैल्यूएशन और लगातार तेजी के चलते 2023 के पहले छमाही में बाजार में जारी तेजी पर ब्रेक लग सकती है। जिसका फायदा दूसरे इमर्जिंग मार्केट को मिल सकता है।





