
#खबर अभी अभी दिल्ली ब्यूरो*
9 सितंबर 2023

दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में मेजबान भारत जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मुद्दों पर सार्थक पहल के लिए एकराय बनाने की कोशिश में है। दूसरी तरफ, पश्चिमी देशों संकेत दे रहे हैं कि बाली सम्मेलन की तरह इस बार भी रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा छाया रहेगा। पश्चिमी देश एकजुट होकर रूस पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। उधर, चीन का रुख यूक्रेन के मसले पर किसी भी तरह की आमराय बनाने की राह में बाधक बन रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सम्मेलन से पहले कुछ विश्व नेताओं के दिए बयानों से साफ है कि इस बार भी रूस-यूक्रेन मुद्दे को लेकर मतभेदों की छाया सम्मेलन पर पड़ना तय है। जर्मनी होते हुए भारत आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ आ रहे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आमंत्रित करने की वकालत की। सुलिवन ने कहा, अमेरिका का मानना है कि अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता है तो अच्छी बात होगी। सुलिवन के मुताबिक, जेलेंस्की को जब भी किसी निकाय या मंच पर बोलने का मौका मिलता है, वो अपनी बात को स्पष्ट तौर पर रखने में सक्षम होते हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया कि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक पीएम मोदी से कहेंगे कि वे रूस से हमला बंद करने का आह्वान करें और युद्ध रोकने के प्रयासों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। वहीं, पहले ही भारत पहुंच चुकीं अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि वाशिंगटन का मानना है कि आर्थिक विकास को समर्थन के लिए सबसे जरूरी है कि रूस हमले बंद करे।
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