
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
2 जून 2023

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में सूबे के ठेकेदारों का करीब छह हजार करोड़ रुपये का भुगतान फंस गया है। छह माह से देय धनराशि का भुगतान न होने से ठेकेदार आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे हैं। बजट के अभाव में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। कई सड़कों, पुलों और नए भवनों के निर्माण कार्य भी लटक गए हैं। नए टेंडर भी बजट के अभाव में नहीं हो पा रहे। तत्कालीन भाजपा सरकार के समय पीडब्ल्यूडी में जिन विकास कार्यों के टेंडर आवंटित हुए थे, उनमें से 75 फीसदी कार्य टेंडर शर्तों के अनुसार नवंबर और दिसंबर 2022 तक पूरे हो चुके हैं
पीडब्ल्यूडी गंभीर आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है। अकेले हमीरपुर जोन की बात करें तो यहां 1,500 करोड़ का भुगतान लंबित है। प्रदेश में पीडब्ल्यूडी के धर्मशाला, मंडी, शिमला और हमीरपुर पांच जोन हैं। प्रत्येक जोन में ठेकेदारों का 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान फंसा हुआ है। जब ठेकेदार पीडब्ल्यूडी के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं तो उन्हें जवाब मिल रहा है कि अभी तक सरकार की ओर से बजट नहीं मिला है। इन ठेकेदारों का भुगतान अब और भी मुश्किल हो गया है। चूंकि केंद्र सरकार ने हिमाचल के कर्ज लेने की सीमा और बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना के बजट में भी करोड़ों रुपये की कटौती कर दी है। इसके चलते ठेकेदार अब पीडब्ल्यूडी के नए विकास कार्यों के टेंडर में हाथ डालने से भी पीछे हटने लगे हैं।
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