
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
1 जुलाई 2023

हिमाचल प्रदेश में ब्रिटिश काल में बने रूट संवरेंगे। इसके लिए वन विभाग के कैंपा प्रोजेक्ट के जरिये 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन रूटों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इन रूटों को ब्राइडल पाथ बनाकर पर्यटकों और आम लोगों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग कुल्लू ने दो वाहनों को खरीदने का ऑर्डर भी दे दिया है। जो जल्द ही दिल्ली से कुल्लू पहुंचेंगे। सूबे में ब्रिटिश काल में कितने रूट हैं, इसकी सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है। कुल्लू में करीब 150 ब्रिटिशकालीन रूट हैं और इसकी फाइल शिमला भेज दी है।
हालांकि कुल्लू जिले में दो रूटों पर काम भी शुरू हो गया है। इसमें कुल्लू की लगघाटी का ब्रिटिशकालीन रूट मठासौर और बाह्य सराज को जोड़ने वाले बशलेउ दर्रा से होकर बागासराहन से बठाहड़ तक निर्माण किया जा रहा है। वन विभाग कुल्लू ने जिन दो इलेक्ट्रिक वाहनों का ऑर्डर दिया है। उन्हें अगस्त तक मठासौर के लिए चलाने की तैयारी चल रही है। जबकि बागासराहन से बशलेउ तक दशहरा से पहले ब्राइडल पाथ को तैयार कर इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का लक्ष्य रखा है।
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