

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
7 सितंबर 2024
हिमाचल में औषधीय और उद्योगों में उपयोग के लिए भांग की खेती को वैध बनाने को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार किया गया। यह रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश में भांग के औषधीय और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल की मंजूरी से जुड़ी है। राजस्व मंत्री ने नियंत्रित वातावरण में औद्योगिक, वैज्ञानिक और औषधीय प्रयोजनों के लिए भांग की खेती को वैध बनाने से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें देने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित समिति की रिपोर्ट पेश की। इस खेती से आने वाले समय में प्रदेश की आय में वृद्धि का दावा किया जा रहा है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। युवाओं विशेषकर ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। प्रदेश सरकार ने उम्मीद जताई है कि राज्य में भांग की खेती के वैधीकरण के सफल कार्यान्वयन से शुरुआती सालों में 400 से 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा
राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी की सिफारिश के मुताबिक, एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 10 के तहत राज्य सरकार को प्रदत शक्तियों के आधार पर नियंत्रित वातावरण में औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए किसी भी भांग के पौधे की खेती, उत्पादन, निर्माण, परिवहन, आयात-निर्यात, बिक्री, खरीद खपत या भांग (चरस को छोड़कर) की खेती की अनुमति, नियंत्रण और विनियमन के लिए हिमाचल प्रदेश एनडीपीएस नियम, 1989 में संशोधन किया जाएगा। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 14 के तहत केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागवानी और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किसी भी भांग के पौधे की अनुमति देने के लिए कुछ शर्तों के अधीन एक सामान्य या विशेष आदेश पारित किया जाना चाहिए।



