शिमला की सबसे पुरानी ढली टनल को यातायात के लिए किया गया बंद

शिमला : राजधानी में भारी बारिश से नुकसान का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। शहर की ऐतिहासिक ढली टनल को यातायात के लिए बंद कर दिया है। वहीं न्यू शिमला और पंथाघाटी में दो भवनों को खतरा पैदा हो गया है। शहर में दो दिन के भीतर सात मकान खतरे की जद में आ चुके हैं।हालांकि इनमें से किसी भी भवन को अभी खाली नहीं करवाया है। शहर के संजौली ढली के बीच बनी पुरानी टनल में अचानक पानी का भारी रिसाव बढ़ने के बाद इसे बंद करने का फैसला लिया है। टनल में पानी आने की सूचना के बाद विधायक हरीश जनारथा सोमवार दोपहर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। टनल का निरीक्षण किया और रिसाव बढ़ता देख इसे तुरंत यातायात के लिए बंद करने के निर्देश दिए। इसके बाद अब संजौली ढली के बीच नई टनल से ही वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी है। अधिकारियों ने बताया कि टनल की दीवारों से पानी का रिसाव बढ़ रहा है। इस टनल के ठीक ऊपर पहाड़ी पर अवैध निर्माण होने और कई भवनों की छतों का पानी खुले में बहने से टनल को खतरा पैदा हो गया है। विधायक हरीश जनारथा ने टनल में हो रहे पानी के रिसाव को रोकने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

पटयोग, पंथाघाटी में भवनों को खतरा
पटयोग वार्ड के सेक्टर एक में जमीन धंसने लगी है। इससे बिजली बोर्ड दफ्तर के भवन को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय पार्षद आशा शर्मा के अनुसार भवन की दीवार पर दरार पड़ गई है। दफ्तर के अलावा इसमें छह आवासीय फ्लैट भी हैं। भूस्खलन न हो, इसके लिए यहां तिरपाल लगाए गए हैं। पंथाघाटी में भी शिव मंदिर क्षेत्र में एक मकान की नींव पर लगा डंगा ढह गया है। पार्षद कुसुुम ठाकुर के अनुसार जीवणू कालोनी के नीचे नाले के पानी से लोअर पंथाघाटी क्षेत्र का पैदल रास्ता टूट गया है। हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी में डंगा ढहने से जिन दो मकानों को खतरा है, वहां बचावकार्य सोमवार से शुरू हो गया है। फिलहाल किसी भवन को खाली नहीं करवाया है।
रिवोली मार्केट में धंस रही जमीन, पांच दुकानों को खतरा
लक्कड़ बाजार की रिवोली मार्केट में भी जमीन धंसने लगी है। इससे पांच दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। हालांकि इन दुकानों को पहले ही बस अड्डे के निर्माण के लिए तोड़ने का फैसला लिया जा चुका है। नगर निगम ने कुछ दिन पहले ही इन्हें खाली करने के भी नोटिस जारी किए थे। लेकिन यह दुकानदार अभी तक शिफ्ट नहीं हुए। इनका कहना है कि निगम ने सब्जी मंडी में जिन दुकानों में शिफ्ट करने के नोटिस दिए हैं, उनका मासिक किराया छह हजार रुपये है। पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि निगम इनका किराया माफ करे। साथ ही इन्हें शिफ्ट किया जाए।
1851 में बनी है ढली टनल
शहर के संजौली और ढली के बीच बनी टनल ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1851 में तैयार की थी। यह शिमला की सबसे पुरानी टनल है। अब इसकी दीवारों से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। इसकी जर्जर हालत को देखते हुए ही यहां नई टनल बनाई गई है। हालांकि, इस क्षेत्र में यातायात सुचारू रहे, इसके लिए अभी तक पुरानी टनल से भी वाहन चलाए जा रहे थे। इस टनल के जीर्णोद्धार की भी योजना है। इसका प्रस्ताव तैयार है लेकिन बजट जारी न होने से काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

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