
नगर निगम (एमसी) शिमला क्षेत्र में 15 से 29 अगस्त 2025 तक बड़े पैमाने पर सामूहिक एंटी-रेबीज टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिमला को रेबीज मुक्त शहर बनाने की दिशा में सामुदायिक एवं लावारिस कुत्तों में उच्च स्तर का टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करना था। इस अभियान में एमसी शिमला, पशुपालन विभाग, मिशन रेबीज इंडिया, ह्यूमन पीपल एनजीओ रामपुर, कम्पैशन फॉर एनिमल वेलफेयर एनजीओ, नेबरहुड वूफ दिल्ली, पीपल फार्म तथा जस्ट बी फ्रेंडली असम ने सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही, एमसी शिमला के स्थानीय डॉग फीडर्स ने भी टीमों को अपने-अपने क्षेत्रों में सहयोग प्रदान किया।
अभियान का संचालन जिला नोडल अधिकारी (रेबीज नियंत्रण) शिमला, डॉ. अनिल कुमार शर्मा की ओर से किया गया। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस दौरान 3,507 कुत्तों का टीकाकरण किया गया, जोकि शिमला की अनुमानित कुत्ता आबादी का लगभग 90 फीसदी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार 70 फीसदी से अधिक कवरेज रेबीज संचरण चक्र को रोकने के लिए आवश्यक है। यह अभियान विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेषज्ञ परामर्श 2018 की सिफारिशों के अनुरूप संचालित किया गया। संपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए सात विशेष टीमें गठित की गईं जिनमें वैक्सीनेटर (बीवीएससी इंटर्न), डेटा कलेक्टर, हैंड कैचर, नेट कैचर और ड्राइवर शामिल थे। इन टीमों ने सभी वार्डों में व्यवस्थित रूप से कार्य किया।
हर वर्ष होगा अभियान
एमसी शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इस अभियान में योगदान देने वाले सभी संगठनों, विशेषकर बाहरी राज्यों से आए सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी इस सामूहिक पहल की सराहना की और इसे रेबीज उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। मिशन रेबीज इंडिया के ऑपरेशन्स डायरेक्टर डॉ. बालाजी चंद्रशेखर ने कहा कि मिशन रेबीज हर वर्ष शिमला में सामुदायिक कुत्तों के लिए टीके उपलब्ध कराता रहेगा। इसके साथ ही हमें पालतू कुत्तों के लिए डोर-टू-डोर रणनीति अपनानी होगी ताकि समग्र सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। एमसी शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने भी आश्वासन दिया कि पालतू कुत्तों के डोर-टू-डोर टीकाकरण की योजना लागू की जाएगी। यह अभियान अब लगातार पांच वर्षों तक हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, ताकि इस अवधि में शिमला में न तो किसी मनुष्य और न ही किसी पशु में रेबीज़ का मामला सामने आए। इसके बाद शिमला को रेबीज़ मुक्त शहर घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है।





