शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़ा: नालागढ़ में 1200 फर्जी पर्चियों का भंडाफोड़, डिपो संचालक के खिलाफ FIR

सोलन/नालागढ़। हिमाचल प्रदेश के राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस गड़बड़ी का खुलासा सोलन जिला की नालागढ़ पुलिस ने किया है। आरोप है कि मेले के नाम पर आम जनता और दुकानदारों से पैसे वसूलने के लिए 1200 फर्जी पर्चियां छपवाई गईं। पुलिस ने शुक्रवार रात इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।

पुलिस के अनुसार, यह फर्जीवाड़ा नालागढ़ की दिनेश प्रिंटिंग प्रेस में अंजाम दिया गया, जहाँ पर 1200 फर्जी पर्चियां छपवाई गईं। इन पर्चियों के ज़रिए शूलिनी मेले के आयोजन के नाम पर पैसा वसूलने की तैयारी थी। यह पूरी साजिश नालागढ़ के एक डिपो संचालक द्वारा रची गई थी, जिसने प्रिंटिंग प्रेस जाकर ये पर्चियां छपवाईं।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह सारा फर्जीवाड़ा एक ऑरिजनल पर्ची के आधार पर किया गया, जो डिपो संचालक को फूड इंस्पेक्टर ने मुहैया कराई थी। इस एक पर्ची की स्कैन कॉपी से हूबहू नकली पर्चियां तैयार की गईं।

डीसी सोलन की सूचना पर कार्रवाई
जैसे ही डीसी सोलन को इस फर्जीवाड़े की भनक लगी, उन्होंने तुरंत नालागढ़ पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने दिनेश प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा और वहां से बड़ी संख्या में फर्जी पर्चियां जब्त कर लीं। इन पर्चियों पर डीसी सोलन की ईमेल आईडी और स्कैनर भी प्रकाशित था, जिससे प्रतीत होता है कि उन्हें असली दिखाने की भरपूर कोशिश की गई।

DSP नालागढ़ भीष्म ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि फिलहाल डिपो संचालक के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि जिस प्रिंटिंग प्रेस में पर्चियां छपीं, उसका नाम पर्ची पर अंकित नहीं था, जिससे उसकी भूमिका भी शक के घेरे में है।

फिलहाल, पुलिस की जांच का दायरा फूड इंस्पेक्टर तक पहुंच चुका है, क्योंकि उसी ने डिपो संचालक को ऑरिजनल पर्ची मुहैया करवाई थी। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि फूड इंस्पेक्टर की इस मामले में संलिप्तता कितनी गहरी है।

Share the news