
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
5 दिसंबर 2022
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन की अप्रूव्ड रोड अलाइनमेंट में केंद्र सरकार की अनुमित के बिना बदलाव करने के मामले में राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव सुनील वर्मा ने 15 दिन में मंडलायुक्त मंडी से जांच रिपोर्ट तलब की है।
संयुक्त सचिव ने मंडलायुक्त को आदेश दिए हैं कि रोड अलाइनमेंट में बदलाव के लिए राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाकर तथ्यों के आधार पर छानबीन के बाद 15 दिन में रिपोर्ट सौंपें। इसके बाद संयुक्त सचिव राजस्व वन विभाग के प्रधान सचिव को रिपोर्ट सौंपेंगे। वन विभाग इसे पर्यावरण मंत्रालय को भेजेगा।
बता दें कि इस रूट के बदलाव के लिए प्रारंभिक जांच में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दो अधिकारियों समेत 15 लोग जिम्मेदार पाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट वन मुख्य अरण्यपाल अनिल कुमार ने नोडल अधिकारी को भेजी है। इसमें बताया है कि रूट बदलाव के लिए वन विभाग के 13 और तत्कालीन परियोजना निदेशक समेत एनएचएआई के दो अधिकारी जिम्मेदार हैं। साल 2015 में इन्हीं अधिकारियों की मौजूदगी में इस अप्रूव्ड अलाइनमेंट में बदलाव किया गया था। इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी थी, लेकिन बिना अनुमति ही इसे बदल दिया गया। यह छोटा सा बदलाव नहीं था। करीब 28.36 हेक्टेयर भूमि पर 10 किलोमीटर फोरलेन रूट बदल दिया गया था।
जून 2020 में मंत्रालय ने पूरी परियोजना का निर्माण बंद करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन बाद में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद मंत्रालय ने परियोजना का निर्माण शुरू करने के लिए सशर्त मंजूरी दी थी। यह भी शर्त थी कि अप्रूव्ड रोड अलाइनमेंट में बदलाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाई जाए। राज्य सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी थी। सरकार ने मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। उधर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन शिमला अजय कुमार श्रीवास्तव ने प्रधान सचिव वन को पत्र संख्या एफटी 48-2619/2021/वीओएल दो में कहा था कि अप्रूव्ड रोड अलाइनमेंट बदलाव में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी सूची दी जाए। उसके बाद सभी अधिकारियों पर कार्रवाई संभव होगी। उन्हीं के आदेशों के बाद अब राजस्व संयुक्त सचिव ने यह कार्रवाई की है।


