
जाहलमा,
20 सितम्बर 2025 – संसारी–किलाड़–थिरोट–तांदी सड़क के सुधार एवं विस्तारीकरण कार्य से पूर्व भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन अधिकार अधिनियम 2013 तथा हिमाचल प्रदेश भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नियम 2015 के अनुरूप तैयार ड्राफ्ट योजना पर विमर्श हेतु आज वन विश्राम गृह जाहलमा में जन सुनवाई आयोजित की गई।
इस जन सुनवाई की अध्यक्षता उपमण्डलाधिकारी (ना.) उदयपुर एवं भू-अर्जन अधिकारी अलीशा चौहान ने की। इसमें प्रभावित पंचायतों जहालमा, जुण्डा, मूरिंग एवं थिरोट के ग्रामवासी, पंचायत प्रतिनिधि, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारी और अन्य संबंधित विभाग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
ग्रामीणों की मुख्य चिंताएं
जन सुनवाई में ग्रामीणों ने सिंचाई व्यवस्था, जलस्रोतों की सुरक्षा, भूस्खलन, मिट्टी कटाव, मकानों को खतरे तथा भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से जुड़ी चिंताओं को प्रमुखता से रखा।
ग्रामीणों ने आग्रह किया कि पारंपरिक कुल्हों और जलस्रोतों को सुरक्षित रखा जाए।
भूस्खलन और ढलानों के खिसकने से कृषि भूमि को होने वाले नुकसान पर स्थायी समाधान की मांग उठी।
रिहायशी इलाकों में सुरक्षा दीवार लगाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
प्रशासन और बीआरओ का आश्वासन
बीआरओ अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि:सिंचाई की पारंपरिक कुल्हों को सुरक्षित रखा जाएगा और वैकल्पिक व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण कर भूस्खलन और मिट्टी कटाव की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
निर्माण कार्य के दौरान यदि संपर्क सड़कों की कटिंग होगी तो उन्हें तुरंत पुनर्निर्मित किया जाएगा।
उपमण्डलाधिकारी (ना.) एवं भू-अर्जन अधिकारी अलीशा चौहान ने बताया कि केलांग की तर्ज पर ही सर्कल रेट्स सरकार को प्रस्तावित किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजना को अंतिम रूप देने से पूर्व सभी प्रभावितों, पंचायत प्रतिनिधियों, बीआरओ और संबंधित विभागों की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण कर सभी शंकाओं का निवारण किया जाएगा।
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर नायब तहसीलदार उदयपुर राम दयाल, बीआरओ एवं अन्य विभागों के अधिकारी, प्रभावित पंचायतों के प्रधान व ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।





