सरकार आपदा प्रभावितों के साथ, मुआवजे के लिए संसाधनों में कटौती भी करेंगे: सीएम सुक्खू

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। प्रभावितों को उचित मुआवजा देने के लिए संसाधनों में कटौती करने से पीछे नहीं हटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आपदा प्रभावित घोषित करने का फैसला कब से लागू होगा, इसे लेकर नुकसान का अध्ययन किया जा रहा है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने बीते दिनों हुई प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए नए प्रावधानों के तहत मुआवजे की मांग उठाई।

विधायक कुलदीप राठौर ने आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सेब बगीचों को राहत पैकेज में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऊपरी शिमला के अधिकांश बागवानों की आर्थिकी सेब पर निर्भर है और बगीचों को हुआ नुकसान उनकी आजीविका को प्रभावित कर रहा है। विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि विपक्ष को केवल सदन में हंगामा करने के बजाय केंद्र सरकार के समक्ष भी राज्य की समस्याएं उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा से बेघर लोगों को मकान बनाने के अभी तक जमीन नहीं मिली है। एफसीए की क्लीयरेंस न मिलने के कारण मामले लटके हैं।

विधायक संजय अवस्थी के मूल और संजय रतन, विवेक शर्मा, कुलदीप सिंह राठौर और रामकुमार के अनुपूरक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा में बेघर और भूमिहीन लोगों को आवास बनाने के लिए एक बीघा जमीन देने को तैयार है। केंद्र से यह मामला उठाया गया है। केंद्र से एफआरए और एफसीए की मंजूरी लेने का प्रयास किया जाएगा। हिमाचल में आपदा प्रबंधन एक्ट लागू किया जा चुका है और भविष्य में प्रभावितों को राहत देने के लिए कई जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

इससे पहले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राजस्व मंत्री की अनुपस्थिति में जानकारी दी कि वर्ष 2023 में अर्की और नालागढ़ उपमंडलों में 1,080 परिवार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। इनमें 121 परिवार अर्की और 959 परिवार नालागढ़ उपमंडल से संबंधित हैं। 1,078 परिवारों को सरकार ने 10.68 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की है, जिसमें से 3.08 करोड़ रुपये राज्य आपदा मोचन निधि और 7.60 करोड़ रुपये राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि से जारी किए गए हैं।

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