सरकार ने ढूंढ निकाले चिट्टे के कारोबार में शामिल मुलाजिम, जानिए पूरी लिस्ट…

मंडी : सुक्खू सरकार प्रदेश से नशे के खात्मे के लिए गंभीरता से काम कर रही है। प्रदेश सरकार आम नशा तस्करों के साथ अब उन सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई कर रही है, जो सरकार की मदद करने के बजाय स्वयं ही बुराई के इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। इस तरह प्रदेश में नशे ने सिस्टम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। बिजली-पानी से लेकर शिक्षा विभाग के कर्मचारी नशे में संलिप्त पाए गए हैं। शायद एचआरटीसी के पहिए भी तस्करी के लिए दौड़ रहे हैं। वर्दी की आड़ में कुछ कर्मचारी अपना ईमान बेच कर फौज और पुलिस का नाम खराब कर रहे हैं। कानून के साए में ही नशे का कारोबार पल रहा है। पुलिस ने नौ ऐसे सरकारी विभागों की सूची तैयार की है, जिसके सबसे अधिक कर्मचारी चिट्टे या फिर अन्य नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए हैं।

इन सभी विभागों के कर्मचारियों पर अब सस्पेंशन की तलवार लटकी है। शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों की गिरफ्तारी ने तो भविष्य की पीढ़ी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जो खुद कानून तोड़ रहे थे, वे बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे थे। सेना से जुड़े नाम सामने आने के बाद मामला और भी संवेदनशील हो गया है। जिस वर्दी को अनुशासन और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, उसका नाम नशे के मामलों में आना पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। हालांकि सेना का पूरा संस्थान कटघरे में नहीं है, लेकिन कुछ लोगों की हरकतों ने सम्मानित व्यवस्था पर दाग जरूर लगा दिया है। यही हाल पुलिस कर्मचारियों का भी है। प्रदेश के 15 पुलिस कर्मचारी चिट्टे के कारोबार में संलिप्त हैं।

मंडी में 15 कर्मी गिरफ्तार

आंकड़ों के मुताबिक मंडी में 15 सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई है। खास बात यह है कि ये कर्मचारी किसी गली-मोहल्ले के बेरोजगार युवा नहीं, बल्कि वही लोग हैं, जिनके कंधों पर कानून, अनुशासन और जनता की सेवा की जिम्मेदारी थी। एसपी मंडी साक्षी वर्मा के अनुसार रिपोर्ट उच्च अधिकारियों और सरकार को भेज दी गई है।

नौ विभागों की सूची तैयार

गिरफ्तार कर्मचारियों में से विद्युत बोर्ड, जलशक्ति विभाग और भारतीय सेना से संबंधित हैं। पुलिस भी पीछे नहीं है। यानी जिन हाथों में बिजली, पानी और देश की सुरक्षा की कमान थी, उन्हीं हाथों में नशे की काली कमाई भी पाई गई। इतना ही नहीं, इस शर्मनाक सूची में शिक्षा, राजस्व, पीडब्लू, बागवानी और एचआरटीसी जैसे विभागों के नाम भी शामिल हैं।

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