
सराज से होकर निकलेगा दूसरी बड़ी सियासी पारी का रास्ता : जयराम ठाकुर
सराज विस क्षेत्र से छह प्रत्याशी मैदान में हैं। जयराम ठाकुर की जीत का रथ रोकने के लिए कांग्रेस से वीरभद्र खेमे के अहम योद्धा चेतराम ठाकुर चुनावी रण में हैं।

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
01 नवंबर 2022
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से पहले मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे जयराम ठाकुर की दूसरी बड़ी सियासी पारी का रास्ता सराज से होकर भी निकलेगा। सरकार रिपीट कर हिमाचल में रिवाज बदलने की चुनौती के साथ सराज से लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद वह छठी बार मैदान में हैं। लेकिन, इस बार उनके साथ-साथ सीएम के चेहरे की अग्निपरीक्षा भी है। बड़े मार्जन से जीतकर प्रदेश में जयराम उदाहरण पेश करेंगे या जीत के सिक्सर के साथ धाक जमाने के चक्कर में वह क्लीन बोल्ड होंगे, इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। सराज विस क्षेत्र से छह प्रत्याशी मैदान में हैं।
जयराम ठाकुर की जीत का रथ रोकने के लिए कांग्रेस से वीरभद्र खेमे के अहम योद्धा चेतराम ठाकुर चुनावी रण में हैं। दोनों ठाकुरों की यह तीसरी चुनावी जंग है। 2003 और 2017 में चेतराम मुकाबला हार चुके हैं। आम आदमी पार्टी, बसपा, सीपीआईएम और आजाद चारों प्रत्याशी पहली बार भाग्य आजमा रहे हैं। यहां सीधा भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रहेगा। तीसरा मोरचा यहां अभी तक कभी भी सफल नहीं हुआ है। गिने-चुने वोटों के साथ ही इन दलों को संतोष करना पड़ता है। फिलहाल जयराम सीएम के चेहरे वाले भावनात्मक कार्ड के साथ विकास का राग लेकर डटे हैं तो चेतराम दिवंगत वीरभद्र का सहानुभूति कार्ड और सरकार की नाकामियों को लेकर जनता के पास पहुंच रहे हैं।
कुल वोटर 83,957
पुरुष 43,216
महिला 40,741
ये प्रत्याशी हैं मैदान में
भाजपा जयराम ठाकुर
कांग्रेस चेत राम
आप गीतानंद ठाकुर
बसपा इंद्रा देवी
सीपीआईएम महेंद्र सिंह
आजाद नरेंद्र कुमार
जातीय समीकरण फीसदी में
राजपूत 35
अनुसूचित जाति 26
ब्राह्मण 20
अन्य 19
कब-कब कौन जीता
वर्ष विजेता पार्टी
1993 मोती राम कांग्रेस
1998 जयराम भाजपा
2003 जयराम भाजपा
2007 जयराम भाजपा
2012 जयराम भाजपा
2017 जयराम भाजपा
चर्चित रहा है सराज
प्रदेश के पहले सीएम बनते-बनते रहे गए थे ठाकुर कर्म सिंह
हिमाचल की राजनीति में सराज (पहले चच्योट) विधानसभा क्षेत्र चर्चित है। प्रदेश के गठन के बाद ठाकुर कर्म सिंह प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। वह हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय परिषद (टेरिटोरियल काउंसिल) के प्रथम अध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार कैबिनेट में वित्त मंत्री भी रहे। अंतिम बार 1972 में वह विधायक चुने गए। सराज और नाचन के विकास में उनका अहम रोल रहा।
ठाकुर मोती राम रहे मंत्री





