
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
5 सितंबर 2023

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में कर्मचारी चयन आयोग के स्थान पर राज्य चयन आयोग स्थापित होगा। नए आयोग के माध्यम से शीघ्र ही शिक्षकों के 6,000 पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त वन विभाग में 3,000 वन मित्रों की भर्ती की जाएगी। स्पेशल कमांडो फोर्स गठित कर 1200 पद भरे जाएंगे, जो नशे की रोकथाम के लिए विशेष कार्यबल के रूप में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश सरकार 10 हजार से अधिक पद भरेगी। इसमें आपदा के चलते समय लग रहा है। लेकिन अगले दो महीनों के भीतर राज्य चयन आयोग का गठन कर भर्ती परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। सीएम ने कहा कि अब कोई पेपर लीक नहीं होगा, कोई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होगी। जो भी भर्ती होगी, पारदर्शी तरीके से कंप्यूटर के माध्यम से होगी। परीक्षा देने के एक हफ्ते के भीतर परिणाम जारी होगा। जिन अभ्यर्थियों का रिजल्ट आठ महीनों या दो साल से लंबित है, उन्हें आयु में भी छूट दी जाएगी ताकि वे भी भर्तियों के लिए आवेदन कर सके। वह सोमवार को अपने गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों के प्रश्नपत्र बेचे गए, लेकिन वर्तमान सरकार ने आरोपियों को सलाखों के पीछे करने के दृष्टिगत कड़े कदम उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मेरिट आधारित और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हमीरपुर में आगामी दो माह में राज्य चयन आयोग की स्थापना की भी घोषणा की। नए आयोग के माध्यम से सभी परीक्षाएं कंप्यूटर प्रणाली के माध्यम से ली जाएंगी। सुक्खू ने कहा कि 32 विधानसभा क्षेत्रों में स्थित सिविल अस्पतालों में 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है और अन्य हलकों में भी योजनाबद्ध तरीके से तैनाती की जाएगी।
दिव्यांग बच्चों को अब 1 हजार रुपये मासिक मिलेंगे
इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गृह जिला हमीरपुर के नादौन में मुख्यमंत्री सबल योजना का शुभारंभ किया। गौना करौर स्थित राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से सक्षम जिला हमीरपुर के 120 से ज्यादा दिव्यांग बच्चों को सहायता उपकरण भी वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षकों और बच्चों लिए चार अन्य कार्यक्रम भी लांच किए। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में दिव्यांग बच्चों को दो प्रतिशत का आरक्षण दिया है। दिव्यांग बच्चों को अब 1 हजार रुपये की राशि मासिक मिलेगी। अगले बजट में इसका प्रावधान करेगी। आने वाले पांच सालों में सभी गारंटियों को पूरा करेंगे।
कमजोर वित्तीय स्थिति के लिए भाजपा जिम्मेवार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार से विरासत में मिले आर्थिक संकट के बावजूद वर्तमान सरकार आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। सुक्खू ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति के लिए विपक्ष की आलोचना पर कहा कि हिमाचल की कमजोर वित्तीय स्थिति के लिए भाजपा के ही नेता जिम्मेवार हैं। वह केंद्र से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी नाकाम रहे हैं। भाजपा नेता प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री से आपदा प्रभावित हिमाचल को वित्तीय सहायता का आग्रह तक नहीं कर पाए। जबकि सरकार इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र से निरंतर मांग करती रही है।
हिमाचल को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि आपदा में केंद्र से कोई राहत नहीं मिली, लेकिन राज्य सरकार ने सड़कों व पानी की स्कीमों को खोलकर रखा, 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। आपदा से 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा, आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। इसके लिए व्यवस्था परिवर्तन करना होगा। कुछ विभागों में यह पहल हो चुकी हैं। पहली बार लोक निर्माण विभाग व आईपीएच में विकास कार्यों के टेंडर 60 दिन के बजाय 20 दिन में जारी हो रहे हैं। पहली बार है कि आपदा में लोक निर्माण विभाग में तीन दिन के भीतर टेंडर लगाकर सड़कें खुलवाई गईं। हमारी सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगी।
लोकसभा चुनाव नहीं, प्रभावितों की मदद प्राथमिकता : सुक्खू





