सूडान में खाना बनाने के लिए राशन था पर पानी नहीं, मनोहर ने सुनाई आपबीती

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

30 अपैल 2023

सूडान में 15 अप्रैल को हिंसा शुरू हुई थी। इसी दिन वहां पर बिजली गुल हो गई, 16 अप्रैल को पानी की सप्लाई ने भी जवाब दे दिया। खाने के लिए राशन तो था, लेकिन खाना बनाने के लिए तो दूर पीने तक के लिए पानी नहीं था। भूखे-प्यासे आठ दिन हिंसा प्रभावित क्षेत्र में डर के साये में गुजारे। यह दास्तां सूडान के हिंसा प्रभावित क्षेत्र काफूरी से अपने वतन लौटे कांगड़ा जिला की खुंडियां तहसील के मुंदल गांव के मनोहर लाल ने सुनाई। मनोहर ने बताया कि सूडान में एक कंपनी में कार्य करता था।

Manohar said There was ration for cooking food in Sudan but no water, spent 8 days hungry and thirsty

सूडान में 15 अप्रैल को लड़ाई शुरू हुई। इसके बाद सभी कार्यस्थल बंद कर दिए गए और वह अपने अपार्टमेंट में अन्य साथियों सहित कैद हो गए। क्षेत्र में गोलियों और बम गिरने का नजारा आम हो गया। इस दौरान न तो वहां बिजली थी और न ही इंटरनेट की सुविधा मिल पा रही थी। वहीं बिजली न होने के कारण पानी की सप्लाई भी बंद हो गई। अपार्टमेंट में खाना बनाने के लिए राशन तो मौजूद था, लेकिन खाना पकाने के लिए पानी ही नहीं था।

फिर दो-तीन दिन बाद एक कंपनी की ओर से वहां पर पानी की सप्लाई शुरू की गई, जहां पर भारी भीड़ के बीच पानी लाना पड़ रहा था। इसी बीच किसी तरह बस और समुद्र के रास्ते 900 किलोमीटर का सफर तय कर सउदी के जद्दा पहुंचे, वहां से हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली पहुंचे। इस बीच सूडान में उनका सारा का सारा सामान वहीं रह गया। यहां तक कि वह अपना पासपोर्ट तक नहीं ला पाए। एयरपोर्ट पर तत्काल में व्हाइट पासपोर्ट बनवाकर 28 अप्रैल को दिल्ली के लिए उड़ान भरनी पड़ी और वह आज ही घर पहुंचे हैं। घर पहुंचकर उन्होंने उनकी घर वापसी के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की काफी सराहना की।

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