
हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व बन सकती है। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के माध्यम से वन विभाग ने यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में स्पीति घाटी के शीत मरुस्थल होने और यहां पर बर्फानी तेंदुए की रिहाइश होने का आधार दिया गया है। इसे मैन एंड बायोस्फीयर (एमएबी) कार्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। भारत सरकार की ओर से स्पीति घाटी पहले से ही शीत मरुस्थल बायोस्फीयर के रूप में नामित है, मगर यह यूनेस्को के एमएबी कार्यक्रम में शामिल नहीं है।अगर यूनेस्को इस प्रस्ताव को मंजूर कर देता है तो दुनिया के मानचित्र पर हिमाचल को एक और पहचान मिलेगी। इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत विकसित किया जा सकेगा। यह दुनिया में अलग तरह की भौगोलिक संरचना वाला मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व होगा। इसका लाभ यह होगा कि इससे स्पीति घाटी को विकसित करने के लिए विश्व स्तर की कई फंडिंग एजेंसियों से मदद मिलेगी। स्पीति वैली का एक अनूठे पर्यटन स्थल के रूप में भी इससे विकास किया जा सकेगा। ऐसा होने पर स्वाभाविक रूप से इस हिमालयीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा। इस क्षेत्र में पर्यावरण और पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों से स्थानीय लोगों के लिए भी राेजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सफलता मिली तो स्पीति वैली दुनिया के नक्शे पर अलग पहचान बनाएगी





