हर्षवर्धन चौहान बोले- नौ माह में 914 नए उद्योगों को दी सैद्धांतिक मंजूरी

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

22 सितंबर 2023

Harshvardhan Chauhan said In principle approval given to 914 new industries in nine months

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि एक दिसंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक प्रदेश में कुल 914 औद्योगिक इकाईयों की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। भाजपा विधायक बिक्रम सिंह के सवाल का लिखित जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने बताया कि इन उद्योगों की स्थापना से प्रदेश में 13,883 लोगों को रोजगार प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। इन उद्योगों की स्थापना में 260277 लाख रुपये का प्रस्तावित निवेश है। कांगड़ा में 342, सोलन में 155, सिरमौर में 67, ऊना में 54, बिलासपुर में 69, चंबा में 14, किन्नौर में दो, कुल्लू में 17, मंडी में 97, शिमला में एक और हमीरपुर में 96 उद्योग स्थापित होंगे। एक अन्य जवाब में उद्योग मंत्री ने बताया कि इस अवधि के दौरान मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 2124 बेरोजगारों को लाभ प्रदान किए गए।

हिमाचल में कुल 416 स्टोन क्रशन वैध, 89 विभिन्न कारणों से बंद
विधायक केवल सिंह पठानिया और सुधीर शर्मा के सवाल का लिखित जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने बतायाकि प्रदेश में कुल 416 स्टोन क्रशर वैध रुप से स्थापित हैं। 327 स्टोन क्रशर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद संचालन में हैं। 89 क्रशर वर्तमान में विभिन्न कारणों से बंद हैं। इन क्रशरों के माध्यम से सरकार को बीते तीन वर्ष में 2.04 अरब रुपये की आय रॉयल्टी के रुप में प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि 128 स्टोन क्रशर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 23 अगस्त 2023 को जारी किए गए आदेशों के अनुसार अभी बंद हैं। उद्योग मंत्री ने बताया कि गत तीन वर्ष में दिनांक 31 अगस्त 2023 तक सरकार ने प्रदेश के विभिन्न नदी-नालों में कुल 113 खनन पट्टे प्रदान किए गए हैं।

जनजातीय क्षेत्रों से बिना रिलीवर स्थानांतरित किए 165 कर्मी
प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों से बिना रिलीवर दिए हुए 165 कर्मचारी स्थानांतरित किए गए हैं। लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि लाहौल-स्पीति में विभिन्न श्रेणियों के 1643 पद रिक्त हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाईकोर्ट के एक आदेश में स्पष्ट है कि अगर कोई कर्मी दुर्गम, दूरदराज और जनजातीय क्षेत्र में अपना निर्धारित सेवाकाल पूरा करता है तो उसका तबादला बिना रिलीवर के किया जा सकता है।

पशुधन को लेकर राष्ट्र स्तर पर कोई नीति नहीं : चंद्र

 कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि पशुधन को लेकर राष्ट्र स्तर पर कोई नीति नहीं बनी है। इतना कहने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही समाप्त कर दी। गुरुवार को प्राइवेट मेंबर डे था। इसमें समय सीमा तय होती है। अब अगले सत्र में कृषि मंत्री इसका जवाब देंगे। इससे पहले फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया ने पशुओं को बेसहारा छोड़ने को लेकर कड़ी सजा देने को लेकर संकल्प प्रस्ताव सदन में लाया। पठानिया ने कहा कि सरकार को इस समस्या को समाधान निकालने के लिए इसकी तह तक जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छोटे कृषक जंगली जानवरों की वजह से खेती बाड़ी छोड़ रहे हैं। आवारा पशुओं की वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर बेसहारा पशुओं की समस्या के लिए लिए गौशाला बनाने का समाधान देखा जाता है। जितनी भी गोशालाएं बना लें, वे कम पड़ेंगी।

गोशालाओं के नाम पर धोखाधड़ी

संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए देहरा के विधायक होशियार सिंह ने कहा कि जो गोशालाएं बनी रही हैं, उनके नाम पर बहुत बड़ी धोखाधड़ी हो रही है। इसकी जांच होनी चाहिए। एनएच पर पांच हजार बेसहारा पशु मिलेंगे। जब गाय दूध देना बंद कर देते हैं उन्हें सड़क पर छोड़ा जाता है। इसको लेकर सरकार को नीति बनाने की आवश्यकता है।

ठोस नीति बनाए जाने की आवश्यकता : पठानिया

विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि गाय को लेकर नौ साल पूर्व राष्ट्रीय नीति लाने की बात हुई थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज भी बेसहारा पशु सड़कों और लोगों के खेतों में फसलों को उजाड़ रहे हैं। विभाग की ओर से इसको लेकर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है
विधायक चैतन्य शर्मा ने कहा कि काय को माता का दर्जा दिया गया है और कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के साथ इसे जोड़ना चाहिए। विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने भी नियमों में प्रावधान किए जाने की बात कहीं।

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