
खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो
28 फऱवरी 2024
रहर्ष महाजन के नामांकन भरने से ही भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में अपनी जीत की पटकथा लिख ली थी। केंद्रीय नेता अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार देकर कांग्रेस नेता यह मानकर चले हुए थे कि पिछले कुछ चुनाव में चली आ रही परंपरा की तरह उनका सर्वसम्मति से चयन हो जाएगा, पर अचानक हर्ष महाजन को प्रत्याशी बनाकर विपक्ष ने चौंका दिया। भाजपा ने हर्ष के रूप में तुरुप का ऐसा पता चला कि इससे एक साल की सुक्खू सरकार के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है
सरकार समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई। इसका खुफिया तंत्र भी सियासी टोह लगाने में पूरी तरह से असफल रहा। असल में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा जैसे असंतुष्ट विधायकों को हल्के में लेने से यह खेल हो गया। मंत्रिमंडल में स्थान न पाने से शुरू से ही यह नेता नाराज चल रहे थे और अपनी नाराजगी के संकेत लंबे वक्त से दे रहे थे। वे सोशल मीडिया पर भी अपनी पोस्ट से इस तरह के संकेत दे रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के प्रमुख रणनीतिकार रहे हर्ष महाजन को सियासत का चाणक्य भी कहा जाता रहा है। उनके मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भी अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं, मगर वही उनके रास्ते में आ गए। राजनीतिक विशेषज्ञ यह मानकर चल रहे थे कि हर्ष के मैदान में उतरने के पीछे एक पृष्ठभूमि हो सकती है। इसके लिए कई राज्यों के उदाहरण भी सामने रहे हैं।
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