
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में वीरवार को दुष्कर्म के मामले में आरोपी एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान ने अंतरिम अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इस पर राकेश कैंथला की अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिए हैं। इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
अदालत ने एफआईआर की प्रति के अवलोकन पर पाया कि याचिकाकर्ता पर 10 अगस्त को पीड़िता के साथ दुष्कर्म का आरोप है। याचिकाकर्ता ने उससे शादी करने का वादा किया। आरोप है कि इसके बाद 20 अगस्त को उसने पीड़िता को एक विश्राम गृह में बुलाया, जहां उसने दोबारा दुष्कर्म किया। आरोप है कि याचिकाकर्ता ने घटना का वीडियो भी बनाया और उसे वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
अदालत ने प्रथमदृष्टया याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अविश्वसनीय मानने का कोई कारण नहीं पाया। पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि दुष्कर्म के मामलों में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इन तथ्यों को देखते हुए न्यायालय ने फिलहाल अंतरिम अग्रिम जमानत नहीं दी है।
क्या है पूरा मामला?
ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर सरकारी कार्यालय में तैनात महिला कर्मचारी व राष्ट्रीय खिलाड़ी ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण और ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि एसडीएम ने न सिर्फ जबरदस्ती की बल्कि आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिया। बाद में धमकाया कि कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मामला सामने आने के बाद एसडीएम गायब हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। आरोपी वर्ष 2017 का एचएएस टॉपर है।





