हिमाचल प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए जनता पर बोझ डाला है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में साधारण बसों का किराया अब उत्तराखंड और जम्मू से ज्यादा हो गया है। पढ़ें पूरी खबर…

Himachal Pradesh has the highest bus fare among the hill states

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में साधारण बसों का किराया अब उत्तराखंड और जम्मू से ज्यादा हो गया है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में इस समय 2.20 रुपये प्रति किलोमीटर किराया वसूला जा रहा है, जबकि जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र का प्रति किलोमीटर किराया 1.33 रुपये हैं। हिमाचल प्रदेश में परिवहन निगम की बसों में किराया 2.19 से बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रतिकिलोमीटर किया गया है। प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने जनता पर बोझ डाला है।

हालांकि, हिमाचल की जनता इसका विरोध कर रही है। पहले हिमाचल सरकार ने न्यूनतम किराया 5 से बढ़ाकर 10 रुपये किया। अब लंबी दूरी के किराये में भी बढ़ोतरी की है। पंजाब में लंबी दूरी का किराया 1.45 रुपये प्रति किलोमीटर है। प्रदेश सरकार ने पंजाब, हरियाणा, जम्मू और उत्तराखंड सरकार के साथ एमओयू साइन किया है। हिमाचल की बस जब भी उत्तराखंड की बाउंडरी से क्राॅस होगी तो किराया उत्तराखंड सरकार की ओर से तय किया हुआ ही लिया जाएगा। इसी तर्ज पर पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू में भी वसूला जाएगा। वहीं इन राज्यों से हिमाचल आने वाली बसों का किराया भी हिमाचल परिवहन निगम की ओर से तय किया हुआ ही लगेगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम 1500 करोड़ के घाटे में है। हर महीने 55 करोड़ रुपये डीजल और बसों की मरम्मत में खर्च हो रहा है। वहीं कर्मचारियों और तनख्वाह पर 60 करोड़ रुपये हर महीने जा रहा है। जबकि परिवहन निगम की कमाई 70 करोड़ रुपये प्रति माह है।
प्रदेश सरकार की ओर से हर साल 360 करोड़ रुपये की ग्रांट आती है। अगर सरकार की ओर से मदद न मिले तो परिवहन निगम के हाथ खड़े हो जाएंगे। निगम का दावा है कि सैकड़ों रूट घाटे में चल रहे हैं। लोगों को सुविधा देने के लिए इन बसों को चलाया जा रहा है। पथ परिवहन निगम मजदूर संघ के उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि परिवहन निगम की हर महीने बसों से जितनी कमाई हो रही है, उतना पैसा पेंशन और कर्मचारियों की तनख्वाह में जा रहा है। परिवहन निगम को इस समय घाटे से उबारने की जरूरत है। इसके लिए अधिकारी, कर्मचारी निगम दिनरात एक कर रहे हैं। वहीं सर्व कर्मचारी यूनियन के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता ने बताया कि निगम का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस पर सोचने की जरूरत है। परिवहन निगम के एमडी निपुण जिंदल ने कहा कि 15 फीसदी किराये में बढ़ोतरी की गई है। इसे लागू कर दिया गया है।
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