हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- विवाहित पुत्र को सोसायटी की सदस्यता से वंचित नहीं रखा जा सकता

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक विवाहित पुत्र को किसी सहकारी समिति की सदस्यता से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता कि उसकी मां और भाई पहले से ही किसी अन्य सोसायटी के सदस्य हैं। न्यायालय ने सोसायटी के 12 दिसंबर 2023 के प्रस्ताव को और रेगुलेटरी कमेटी के 13 फरवरी 2024 के आदेशों को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने सोसायटी को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता को दो महीने के भीतर सोसाइटी के सदस्य के रूप में नामांकित करे और कार्य प्रदान करे।

न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने कहा कि सहकारी समितियों को नए सदस्यों के सदस्यता देने से इन्कार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आंतरिक रूप से नए पंजीकरण पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने यह भी दोहराया कि रेगुलेटरी कमेटी को सदस्यों की सदस्यता के मुद्दे पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, यह विशेष रूप से सहकारी सोन्यटी के उपनियमों में आता है। अदालत ने कहा कि माता-पिता या भाई-बहन के किसी अन्य सहकारी सोसायटी के सदस्य होने के आधार पर याचिकाकर्ता की सदस्यता के अधिकार को खारिज नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ता ने नई सोसायटी की सदस्यता के लिए लंबे समय से आवेदन किया था। आवेदन को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों (मां और भाई) को पहले ही भूमिहीन होने का लाभ मिल चुका है और वे बगल लैंड लूजर्स ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी के सदस्य हैं। न्यायालय ने पाया कि 12 दिसंबर 2023 के एक प्रस्ताव में सोसाइटी ने भले ही यह तय किया हो कि काम बढ़ने तक नए सदस्यों को सदस्यता नहीं दी जाएगी, लेकिन इसी प्रस्ताव में 18 ऐसे व्यक्तियों को अपने वाहन चलाने की अनुमति दी गई जो सदस्य नहीं थे। न्यायालय ने कहा कि यदि गैर-सदस्यों को वाहन चलाने की अनुमति दी जा रही है, तो याचिकाकर्ता, जो लंबे समय से सदस्यता के लिए प्रयासरत था, उसे वंचित नहीं किया जा सकता था।
याचिकाकर्ता के पिता की वर्ष 2000 में दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहित की थी। पैतृक भूमि प्लांट में चले जाने के कारण ये भूमिहीन हो गए थे। इस अधिग्रहण के परिणामस्वरूप उनके पिता कंपनी से सामग्री परिवहन का काम करने के हकदार थे। इसी के तहत उनकी मां और भाई को बगल लैंड लूजर्स ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी में सदस्य के रूप में नामांकित किया गया, जिसके माध्यम से वे अपने वाहन चला रहे थे। रेगुलेटरी कमेटी और सोसाइटी ने याचिकाकर्ता की सदस्यता को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया कि उसके परिवार के अन्य सदस्य पहले से ही बगल लैंड सोसाइटी से लाभान्वित हो चुके हैं।

Share the news