हिमाचल: बजट खर्च करने में सुस्त महकमों पर सरकार हुई सख्त, 31 अक्तबूर तक का दिया समय

हिमाचल प्रदेश में जनता की स्कीमों के लिए जारी बजट खर्च करने में कुछ महकमे चुस्ती नहीं दिखा रहे हैं। कुछ सरकारी महकमे तय से अधिक अतिरिक्त बजट खर्च कर रहे हैं तो कुछ दिए गए बजट को खर्च करने में ही कंजूसी दिखा रहे हैं। विभागों के बजट व्यय में संतुलन न होने पर सरकार सख्त हो गई है। राज्य सरकार के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने 31 अक्तूबर तक सभी विभागों से पिछले छह महीने में खर्च किए बजट का ब्योरा मांगा है। यह विवरण एक अप्रैल 2025 से लेकर 30 सितंबर 2025 के बीच व्यय बजट का देना होगा।

विभागों को छह महीने की अपनी बचत और उनके पास सरप्लस का ब्योरा देने के अलावा अगले छह महीने के लिए संभावित व्यय के भी आंकड़े पेश करने को कहा गया है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में कैग रिपोर्ट में भी बजट व्यय में अनियमितताओं को उजागर किया जाता रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें मंजूर से अधिक बजट खर्च किया गया। इससे सरकार को वित्तीय प्रबंधन में अनावश्यक मुश्किलें आ रही हैं। कई योजनाओं का बजट तो वर्षों से खर्च ही नहीं किया गया है। पिछली ढील को देखते हुए सरकार ने इस बार सख्त कदम उठाया है। नए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी विभिन्न योजनाओं की फाइलों के निपटारे में लेटलतीफी पर सख्त हैं। उन्होंने पहली बैठक में ही अधिकारियों को फाइलों का निपटारा बिना किसी विलंब से करने के निर्देश दिए हैं। बजट खर्च में वित्तीय अनुशासन की दिशा में भी वह कड़े कदम उठा सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश में जनता की स्कीमों के लिए जारी बजट खर्च करने में कुछ महकमे चुस्ती नहीं दिखा रहे हैं। कुछ सरकारी महकमे तय से अधिक अतिरिक्त बजट खर्च कर रहे हैं तो कुछ दिए गए बजट को खर्च करने में ही कंजूसी दिखा रहे हैं।

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