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27 नवम्बर 2022
हिमाचल प्रदेश में अवैध वन कटान और वन क्षेत्र विस्तार पर अब वन विभाग ड्रोन की मदद से नजर रखेगा। वनों की निगरानी और सर्वे के लिए विभाग दो नए ड्रोन खरीदने जा रहा है। ड्रोन की मदद से ली जाने वाली तस्वीरों का आंकलन कर वनों की स्थिति का सटीक आंकलन हो सकेगा। चोरी-छिपे वनों में होने वाले पेड़ कटान के लिए अब वन विभाग सिर्फ फील्ड स्टाफ पर ही निर्भर नहीं रहेगा। ड्रोन की मदद से वनों की निगरानी की जाएगी। ड्रोन कैमरे की मदद से वन बीट की तस्वीरें ली जाएंगी। नियमित अंतराल पर इन तस्वीरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। तस्वीरों के माध्यम से वनों का घनत्व जांचा जाएगा। ड्रोन कैमरा वनों में पेड़ों के ठूंठ तक तलाशने में कारगर साबित हो सकता है।
इसके अतिरिक्त वनों में किए जाने वाले पौधरोपण पर भी ड्रोन से नजर रखी जाएगी। किस क्षेत्र में कितने पौधे लगाए गए। कितने पौधे कामयाब हुए और कितने सूख गए। पौधों का विकास किस रफ्तार से हो रहा है, सभी पहलुओं पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। जंगल की आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए भी ड्रोन का उपयोग कारगर साबित होगा। ड्रोन की मदद से जंगल में आग लगने के कारणों का सही पता चल सकेगा। जापान इंटरनेशनल बैंक की ओर से प्रायोजित जायका प्रोजेक्ट के तहत वन क्षेत्र के संरक्षण और उसके विस्तारीकरण के लिए भी ड्रोन तकनीक का व्यापक प्रयोग किया जा चुका है।
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