हिमाचल में फिर मानसूनी कहर, चार की मौत, अब तक 1246 करोड़ का नुकसान, 132 की गई जान

शिमला/मंडी: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश ने फिर कहर मचाया और चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही बरसात से हुए नुकसान का आंकड़ा भी बढ़ गया। रविवार रात से लगातार जारी बारिश से कई क्षेत्रों में बड़ा नुकसान हुआ है। चंबा जिला में बादल फटने की घटना घटी, वहीं मैहला में एक मकान में सो रहे पति-पत्नी की दुखद मौत हो गई है। पांवटा साहिब की बाता नदी में झुग्गी क्षेत्र का रहने वाला 40 वर्षीय छत्रपाल बह गया है, जिसकी तलाश की जा रही है, वहीं सुंदरनगर की जडोली खड्ड में बह जाने से एक युवक की मौत हो गई है। प्रदेश में बरसाती सीजन में अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें सडक़ दुर्घटना में 58 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश की 398 सडक़ें यातायात के लिए पूरी तरह से बाधित हो चुकी हैं, वहीं तीन नेशनल हाइवे भी बंद पड़े हुए हैं।

जो रिपोर्ट अभी तक आपदा प्रबंधन विंग के पास पहुंची है, जिसके मुताबिक प्रदेश को 1246 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उधर, डेहर पावर हाउस में सिल्ट की मात्रा 80 हजार पीसीएम हो जाने के कारण बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया है। चंबा के तीसा में बादल फटने का समाचार है। इससे पांच घरों को नुकसान हुआ है, जबकि एक पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं किन्नौर के टापरी में फ्लैश फ्लड की वजह से नेशनल हाइवे नंबर-5 भू-स्खलन के कारण बाधित हो गया है। कुल्लू जिला में भी भू-स्खलन की सूचना है, कुल्लू के लागनी गांव में भू-स्खलन हुआ बताया जा रहा है। यह आनी तहसील के तहत आता है। गनीमत रही कि यहां पर कोई जानी नुकसान नहीं है। यहां कुछ बागीचे जरूर तबाह हो गए हैं। लाहुल-स्पीति की बात करें तो यहां पर कॉमिक गांव में भारी बारिश हुई। यहां ओलावृष्टि होने की भी सूचना है।

काजा के तहत आने वाले इस गांव में 90 फीसदी फसल तबाह हो गई है। इसके अलावा भी प्रदेश में कई स्थानों पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। सिरमौर जिला में भी बड़ा नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर उतरी के पास दोबारा पहाड़ टूटा है। इससे यहां पर भारी लैंड स्लाइड हुआ। 15 दिनों में चौथी बार इस तरह की घटना पेश आई है। इससे दोनों तरफ में आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित हुई है। उधर, सतलुज नदी के उफान पर आने से उसके आसपास के क्षेत्रों में नुकसान है। सुन्नी उपमंडल में सतलुज का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से काली माता मंदिर, आईटीआई परिसर तक में पानी घुस गया है। वहीं सुन्नी थली पुल को यह पानी छूने वाला है। पहले भी इस पुल को नुकसान हो चुका है, जिससे मंडी जिला के लिए आवाजाही ठप हो सकती है। यहां पर मस्जिद व रिहायशी मकान खाली करवा दिए गए हैं।

शिमला करसोग मार्ग पर पलयाड़ के समीप जल भराव के कारण प्रभावित हो गया है और ऐसी ही स्थिति रही, तो मार्ग बंद हो सकता है। ब्यास नदी का जलस्तर बढऩे से पंडोह में भी पानी छोड़ा गया, जिससे मंडी के लोगों के सामने खतरा मंडरा रहा है। वहीं, नाथपा झाखड़ी पावर हाउस में भी उत्पादन बंद किया गया है। सुंदरनगर की जडोल खड्ड में बहा युवक : सुंदरनगर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली जडोल खड्ड को पार करते हुए सोमवार को एक 20 वर्षीय युवक की पानी के तेज बहने से मौत हो गई। उसका शव रतोग पुल के पास बरामद हुआ है। युवक की पहचान रोहित पुत्र मंगत राम, निवासी गांव जंदरेहडू, डाकघर बायला, तहसील सुंदरनगर के रूप में हुई है। मृतक अपनी बुआ के घर आया था और वापस अपने घर जा रहा था कि खड्ड पार करते वक्त पानी की चपेट में आने से मृत्यु का ग्रास बन गया।

मुख्यमंत्री ने अलर्ट किए डीसी, फोन पर ली रिपोर्ट

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को सभी उपायुक्तों से दूरभाष के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने मौजूदा मौसम की स्थिति के दृष्टिगत अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोगों से बरसात के मौसम में नदी-नालों के निकट न जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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