
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
14 जुलाई 2024

40 दिन के अंतराल में विधानसभा की तीन और सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में भी कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया है। पिछले कुछ महीनों से चली आ रही सियासी उठापटक से कांग्रेस को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई हो गई है। यानी पहले कांग्रेस के पास 40 सीटें थीं, जो अब दोबारा 40 हो गई हैं पहले उपचुनाव में कांग्रेस ने छह में से चार सीटें जीतीं और भाजपा के खाते में दो ही गईं। अब दूसरी बार हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें झटकी हैं और भाजपा को एक से ही संतोष करना पड़ा। अपनी सरकार को संकट से उबार लाने के इस रणनीतिक कौशल से मुख्यमंत्री सुक्खू का कद प्रदेश की सियासत में और बढ़ गया है। कांग्रेस ने भाजपा के सरकार गिराने के इरादे को भी असफल कर दिया है। यानी भाजपा को अपना संख्याबल 25 से 28 बढ़ाकर ही संतोष करना पड़ा है, जो बहुमत से अब काफी दूर है।
छात्र जीवन से ही शिमला को कर्मभूमि बनाने वाले और हमीरपुर के नादौन से विधायक बनते आए सुक्खू ने अब तीसरे जिले कांगड़ा के देहरा में पत्नी कमलेश ठाकुर को अच्छे अंतर से उपचुनाव जिताकर तीनों क्षेत्रों में प्रभाव होने का भी सियासी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू के गृह जिले की हमीरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस जरूर चूकी है, मगर यहां धूमल परिवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रभाव से ही भाजपा की जीत मिली मानी जा रही है। मुख्यमंत्री के गृह जिले की एक और सीट की यह हार देहरा व नालागढ़ की जीत को कुछ कसैला भी कर रही है।
देहरा में ढाई दशक से कांग्रेस चुनाव हार रही थी। आलाकमान ने सीएम की पत्नी को यहां से टिकट दिया तो यह उनके लिए बड़ा इम्तिहान था। इसमें वह सफल हुए। तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे देकर भाजपा के टिकट लेकर उपचुनाव लड़े, मगर देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर का दांव उलटा पड़ गया। इस जीत से कांग्रेस सरकार और मजबूत हो गई है। उधर, पार्टी प्रदेश नेतृत्व के अति आत्मविश्वास से भाजपा का दांव सही नहीं बैठा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल केवल इस बात से अपना पल्ला झाड़ सतोष नहीं कर सकते हैं कि मुख्यमंत्री को हमीरपुर सीट पर हरा दिया है।





