

शिक्षा विभाग ने युक्तिकरण के बाद नए स्कूलों में ज्वाइनिंग दे चुके टीजीटी के तबादला आदेश रद्द कर दिए हैं। अब सरप्लस शिक्षकों से अन्य स्कूलों में जाने के विकल्प मांगे जाएंगे। इसी माह से दोबारा प्रदेश में युक्तिकरण प्रक्रिया शुरू होगी। संबंधित जिला या नजदीकी जिला के स्कूलों में ही सरप्लस शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। एक स्कूल में सबसे अधिक कार्यकाल पूरा करने वाले शिक्षक ही पहले चरण में बदले जाएंगे।449 टीजीटी की युक्तिकरण प्रक्रिया को सरकार ने बदलने का फैसला लिया है। बीते दिनों जारी युक्तिकरण के आदेशों के तहत 70 शिक्षकों ने नए स्कूलों में ज्वाइन कर दिया था। तबादला आदेश रद्द करते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को विकल्प दिया है कि यदि वह उसी स्कूल में रहना चाहते हैं तो रह सकते हैं। यदि वह वापस अपने पुराने स्कूल में ज्वाइन करना चाहते हैं तो वहां पर लौट सकते हैं। शिक्षा विभाग ने युक्तिकरण के लिए अब नया नियम बनाया है। सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह इसकी रिपोर्ट बनाएं कि उनके जिला में कहां पर कितने शिक्षक सरप्लस हैं व किन स्कूलों में पद रिक्त हैं। युक्तिकरण के तहत पहले संबंधित जिला के ही स्कूलों में ही शिक्षकों को बदला जाएगा। यदि पद खाली नहीं हैं तो साथ लगते जिला के स्कूलों में उन्हें बदला जाएगा। दिव्यांग, विधवा, चिकित्सा कारणों से शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी।
जनजातीय स्कूलों को मर्ज करने के नियम अलग
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों को मर्ज करने के लिए अलग नियम बनाए गए हैं। छठी से बारहवीं कक्षा के जिन स्कूलों में 15 से कम विद्यार्थी होंगे, उन्हें ही मर्ज किया जाएगा। शेष राज्य के लिए 25 बच्चों की शर्त रहेगी। जनजातीय क्षेत्रों के जन प्रतिनिधियों से भी इस बाबत राय ली जाएगी। जनजातीय क्षेत्र के स्कूलों में विद्यार्थियों का पंजीकरण बढ़ाने के लिए छात्रावासों का निर्माण भी किया जाएगा।



