
खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन
4 जुलाई 2023

सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार में पारित दो विधेयक कानून नहीं बन पाए हैं। राजभवन ने एक को अपने पास रोके रखा है तो दूसरे को सरकार को फिर से परीक्षण के लिए भेजा है।
हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार में पारित दो विधेयक कानून नहीं बन पाए हैं। राजभवन ने एक को अपने पास रोके रखा है तो दूसरे को सरकार को फिर से परीक्षण के लिए भेजा है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जहां लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक को अभी अपनी मंजूरी नहीं दी है, वहीं सुखाश्रय विधेयक को भी राज्य सरकार के पास कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए भेजा है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान लोकतंत्र प्रहरी सम्मान निरसन विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव किया था। भाजपा के हंगामे और वाकआउट के बीच इसे सत्ता पक्ष ने सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया था। इसके तहत पूर्व भाजपा सरकार ने आपातकाल के समय जेल में रहने वाले नेताओं की अलग-अलग दो श्रेणियों को 20 हजार रुपये और 12 हजार रुपये प्रति माह सम्मान राशि देने का प्रावधान किया था।
सुक्खू सरकार ने इस प्रावधान को राजनीतिक और जनहित से जुड़ा न बताते हुए इसे खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया था। इसका भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध किया था। अब इस विधेयक को राज्यपाल ने अपने पास ही रोक दिया है। इसी तरह सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक 2023 को भी पारित किया।
इसमें अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट मानते हुए कई कानूनी अधिकार देने का प्रावधान किया है। भाजपा ने इस विधेयक पर भी हंगामा किया था और केंद्र सरकार के पहले से चल रहे प्रावधानों को इसमें जोड़ने की बात की थी। इसमें कुछ खामियां भी गिनाई थीं।
सूत्रों के अनुसार इस पर भी राज्यपाल ने कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है और इसका परीक्षण करने की सलाह दी है। सरकार ने फाइल विधि विभाग को भेजी है। अब विधि विभाग की राय के बाद इसे फिर से राजभवन भेजा जाएगा। हालांकि, अधिकारी इस संबंध कुछ कहने से बच रहे हैं।
खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन


