
खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन
हिमाचल विधानसभा में काम काज रोक कर सरकारी संकल्प राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर चर्चा जारी है। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के ज्यादातर विधायक अपनी अपनी बात कह चुके है। आज इस सरकारी संकल्प पर उठे सवालों या हुई चर्चा पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू जवाब देंगे।
इसके बाद इस संकल्प को विधानसभा में पास कराया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने व स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर इसे केंद्र को भेजा जाएगा। दिलचस्प यह रहेगा की क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस सरकारी संकल्प में सत्ता पक्ष का साथ देगी। ये सवाल इसलिए क्योंकि BJP के ज्यादातर विधायक बार बार यह कह रहे हैं कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है और केंद्र मदद दे रहा है।
वहीं प्रदेश सरकार इस संकल्प के जरिए केदारनाथ की तर्ज पर हिमाचल में भी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाएगी। इस संकल्प पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में कई बार तीखी नोक-झोंक भी हुई। आज मुख्यमंत्री का जवाब आने के बाद भी सदन में हंगामा हो सकता।
सरकार ने इसलिए लाया ये संकल्प
हिमाचल में भारी बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने से 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 441 लोगों की जान चली गई है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष पैकेज देने की मांग कर रही है। हिमाचल सरकार कई बार केंद्र से यह मांग उठी चुकी है, लेकिन केंद्र से अब तक हिमाचल को एक रुपए की भी अतिरिक्त सहायता नहीं मिल पाई है।
मुख्यमंत्री सुक्खू कई बार कह चुके हैं कि केंद्र से अब तक केवल वहीं राशि मिली है, जो हिमाचल को डिजास्टर फंड के तहत मिलनी तय थी और अन्य प्रदेशों को भी मिली है।

प्रश्नकाल से शुरू होगी सदन की कार्यवाही
सदन की आज की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल के साथ शुरू होगी। सदन में आज पर्यटन, स्वास्थ्य विभाग, कृषि, पशुपालन, राजस्व, वन और TCP विभाग से जुड़े ज्यादातर सवाल पूछे गए है।
कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं से जुड़ा सवाल पूछा है। इस पर सदन में हंगामे के आसार है।





