
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
21 दिसंबर 2022
केदारनाथ में 2013 और 2021 त्रासदी को करीब से देखा है और साक्षी भी रहे हैं। 16 और 17 जून 2013 की भीषण आपदा में केदारनाथ और मंदाकिनी घाटी में हजारों लोग लापता हो गए थे। लापता होने वालों में उत्तराखंड, और पड़ोसी देश नेपाल समेत कई देशों के लोग शामिल थे, उस दौरान वे बीए की पढ़ाई कर रहे थे और वे इस दौरान केदार घाटी में रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा बने थे और इस त्रासदी का पहला वीडियो भी उन्होंने ही जारी किया था।
19 जून से रेस्क्यू ऑपेरशन शुरू हुआ था। आंखों के सामने लोग बह रहे थे, कुछ टनल में फंसे थे। कुछ को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। हादसे का तब पता चला जब एक हेलीकॉप्टर 17 जून को यात्रियों को लेकर आ रहा था। पायलट ने देखा कि चोरावली ताल ग्लेशियर आने से टूट चुका है और फ्लड में इतना फ्लड पानी आया था कि गौरीकुंड तक बर्बाद हो गया था। इसी तरह 7 फरवरी 2021 को तपोवन में ग्लेशियर आया था। वे उस दौरान उस क्षेत्र में काम करने गए थे वहां लोगों से उनकी एक मीटिंग थी। उसमें भी उनके द्वारा रेस्क्यू ऑपेरशन किया गया, लोग सुरंग में दबे पड़े थे।
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