14,000 राजमिस्त्री सीखेंगे भवन बनाने की तकनीक, आपदा प्रबंधन हर पंचायत में देगा प्रशिक्षण

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

4 सितंबर 2023

14000 rajmistri will get training in himachal from himachal state disaster management authority

हिमाचल प्रदेश में 14,000 राजमिस्त्री पुरानी और नई शैली में भवन निर्माण करना सीखेंगे। हर पंचायत में कम से कम पांच राजमिस्त्री प्रशिक्षित होंगे। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कुल 16,000 राजमिस्त्रियों को यह ट्रेनिंग देने का लक्ष्य तय किया है। अभी तक केवल दो हजार को ही ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त है। प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि एक विस्तृत अध्ययन के बाद राजमिस्त्रियों को आज की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है

बरसात में भरभराकर गिर रहे भवनों को देखते हुए अब बड़े स्तर पर यह अभियान चल रहा है। इनके प्रशिक्षण के लिए एक योजना बनाई गई है। यह प्रशिक्षण प्रदेश में सुरक्षित भवनों के निर्माण के लिए पंचायत स्तर पर मेसन (राजमिस्त्री), कारपेंटर और वायर वेंडर की क्षमता निर्माण हेतु योजना के तहत दिया जाएगा।

57 फीसदी लोग घर बनाने से पहले मिस्त्रियों से करते हैं संपर्क 
प्राधिकरण की ओर से करवाए अध्ययन के अनुसार प्रदेश में मकान बनाने से पहले 57% लोग सबसे पहले मिस्त्रियों से संपर्क करते हैं। वे वास्तुकार या इंजीनियर से जानकारी नहीं लेते हैं। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है। भवन निर्माण के लिए 29 प्रतिशत लोगों ने किसी की भी राय नहीं ली।

47% कामगार 5वीं पास भी नहीं
प्रदेश में एक-दो दशक से भवन निर्माण से जुड़े कामगारों में केवल 3% से ज्यादा ने ही आठवीं कक्षा से अधिक की पढ़ाई की। 47% ने तो पांचवीं तक की पढ़ाई भी नहीं की। 50% ने आठवीं तक की पढ़ाई की है। अध्ययन के अनुसार प्रदेश में कुशल कामगारों का न मिलना भी भवन निर्माण की एक बड़ी समस्या है। 90% कामगार इस बात से जागरूक नहीं थे कि आपदा से निपटने के लिए कैसे भवन बनाएं।

जबलपुर, गुजरात, कश्मीर और सिक्किम में आए भूकंप की तरह नुकसान को चेताया
हिमाचल में राजमिस्त्रियों, कारपेंटर और वायर वेंडर को निर्माण कार्य के बारे में संपूर्ण प्रशिक्षण देने की सलाह दी गई। अध्ययन में चेताया गया कि आरसीसी डिजाइन और ढांचा ठीक से न बनने से जीवन और संपत्ति का नुकसान हो सकता है। जैसा कि जबलपुर, गुजरात, कश्मीर और सिक्किम में आए भूकंप में देखा जा चुका है। शिमला समेत अन्य जगहों पर जिस तरह से भवन बनाए गए हैं, वे उच्च जोखिम वाले हैं।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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