

खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन
30 जनवरी 2023
उद्योग तभी फलते-फूलते हैं, यदि उद्योगों और उनमें काम करने वाले कामगारों के परस्पर संबंध अच्छे हों। यह शब्द मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने ट्रांसपोर्टर्स के 48 दिनों से चले आ रहे आंदोलन में शामिल होकर कहे। अवस्थी ने कहा कि इस लंबी समयावधि में मैं शारीरिक रूप से आपके मध्य नहीं था, लेकिन मन, कर्म व वचन से आपके मध्य ही था। वह इन दिनों में ट्रांसपोर्टर्स की चिंता कर रहे थे और सरकार के पास उनका पक्ष रख रहे थे।
उन्होंने उन कर्मचारियों के प्रति भी अपनी पीड़ा जाहिर की, जिन्हें कंपनी द्वारा इधर-उधर भेज कर परेशान किया जा रहा है। अवस्थी ने कहा कि भविष्य में हम कुछ ऐसी योजनाएं इस क्षेत्र के लिए ला रहे हैं, जिससे ट्रांसपोर्टर या अन्य लोग केवल इसी कार्य पर निर्भर न रहें बल्कि आजीविका के कुछ अन्य साधन भी जुटा सकें।
उन्होंने ट्रांसपोर्टर से मंगलवार को शिमला आने को कहा, ताकि बरमाणा ट्रांसपोर्टर्स के साथ-साथ दाड़लाघाट के ट्रांसपोर्टर्स की बैठक भी मुख्यमंत्री से करवाई जा सके और बहुत जल्द इस विवाद का हल निकलने की कोशिश की जा सके। एसडीटीओ के प्रधान जयदेव कौंडल ने मुख्य संसदीय सचिव से जल्द इस मामले को सुलझाने की गुहार लगाई। बाघल लैंड लूजर के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने भी ट्रांसपोर्टर्स की कठिनाइयों से सीपीएस को अवगत करवाया।
इससे पूर्व अदानी ग्रुप के साथ ट्रक ऑपरेटर्स का माल भाड़े को लेकर उपजे विवाद को सुलझाने हेतु सोमवार को 48वें दिन भी शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहा। ट्रांसपोर्टर्स द्वारा अदानी ग्रुप के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। कुछ समय के लिए ट्रांसपोर्टर्स बाघल लैंडलूजर्ज कार्यालय में एकत्रित हुए, जहां उन्होंने बैठक की।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि विवाद का जल्दी कोई फैसला नहीं होता है तो 4 फरवरी को हिमाचल के ट्रांसपोर्टर्स द्वारा प्रदेशभर में चक्का जाम किया जाएगा। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि 10 फरवरी तक फैसला नहीं हुआ तो 11 फरवरी को दाड़लाघाट में एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे हिमाचल के ट्रांसपोर्टर्स शामिल होंगे।
खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन



