सामने आई इंटेलिजेंस की नाकामी, होशियारपुर पुलिस के अलर्ट देने के पांच घंटे बाद दी दबिश

#खबर अभी अभी पंजाब ब्यूरो*

8 अप्रैल 2023

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन को 21 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। ऑपरेशन अमृतपाल की विफलता से पंजाब पुलिस कठघरे में आ गई है और बड़े पुलिस अधिकारियों की साख भी दांव पर है। सवाल उठने लगा है कि कहीं पंजाब पुलिस ही तो अमृतपाल को भागने का रास्ता नहीं दे रही?

18 मार्च को जालंधर से पुलिस के सामने से भागने में कामयाब रहा अमृतपाल 28 मार्च को होशियारपुर के पास दूसरी बार पुलिस को चकमा दे गया। अब जांच में यह बात सामने आई है कि होशियारपुर पुलिस को शाम पांच बजे सतर्क कर दिया गया था और फोर्स ने पूरी तैयार कर ली थी। यानी होशियारपुर पुलिस को पता था कि कोई ऑपरेशन करने जाना है, लेकिन रात दस बजे के बाद जब अमृतपाल सिंह होशियारपुर के एक गुरुद्वारा साहब से फरार हुआ, तो होशियारपुर पुलिस को मौके पर बुलाया गया। अलर्ट के बावजूद पांच घंटे की देरी से पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

इससे पहले मोगा के कमालके में 3200 पुलिस मुलाजिमों, आठ एसएसपी व दो डीआईजी के सामने से अमृतपाल सिंह निकल गया था। वहां से पटियाला फिर लुधियाना गया और उत्तराखंड से वापस पंजाब आ गया, लेकिन पुलिस को कुछ पता नहीं। होशियारपुर के उच्च पुलिस अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, हमें तो शाम पांच बजे तैयार कर लिया गया था लेकिन रात को दस बजे के बाद क्यों बुलाया गया यह समझ से परे है ?

अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दो ही पुलिस अधिकारी फ्रंट फुट पर हैं, एक अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंन्द्र  दूसरे जालंधर जोन के काउंटर इंटेलिजेंस चीफ नवजोत सिंह माहल। जब अमृतपाल सिंह होशियारपुर में छिपा हुआ था यही दोनों अधिकारी पहले पहुंचे थे। दरअसल, दोनों पुलिस अधिकारी आला अधिकारियों की गुड बुक में हैं और अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का क्रेडिट लेने के लिए दोनों में होड़ लगी हुई है। नवजोत माहल काउंटर इंटेलिजेंस के एआईजी हैं। अगर अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी उनके हाथों से होती है तो एसएसपी की कुर्सी उनके लिए दूर नहीं है।

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