एम्स से रेफर कर दी गर्भवती, एंबुलेंस कर्मियों ने रास्ते में करवाया सुरक्षित प्रसव

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

1 जुलाई 2023

pregnant woman Referred from AIIMS, ambulance personnel got safe delivery done on the way

देश के प्रतिष्ठित एवं प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स बिलासपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल गई। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने यहां से एक गर्भवती महिला को खून की कमी बताकर प्रदेश के एकमात्र शिमला स्थित जच्चा-बच्चा कमला नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों ने बीच रास्ते में महिला का सुरक्षित प्रसव करवा दिया। बहरहाल, जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं और कमला नेहरू अस्पताल में उपचाराधीन हैं। जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के सदर उपमंडल के मारकंड गांव निवासी अमित कुमार गुुरुवार को अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल बिलासपुर ले गए। ईद की छुट्टी होने पर अस्पताल में गायनी चिकित्सक न होने पर महिला को एम्स रेफर कर दिया।

एम्स पहुंचने पर महिला की चिकित्सक ने जांच की। अमित के अनुसार चिकित्सक ने बताया कि उनकी पत्नी में मात्र चार ग्राम रक्त है और एम्स में एक यूनिट रक्त ही उपलब्ध है। इस परिस्थिति में एम्स में प्रसव कराना खतरनाक हो सकता है। इसके बाद पत्नी को कमला नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया। 108 एंबुलेंस से शिमला ले जाते समय रास्ते में शालाघाट के पास महिला को प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई कि एंबुलेंस में मौजूद ईएमटी (फार्मासिस्ट) गौरव को वहीं एंबुलेंस में ही उसका प्रसव कराने का फैसला लेना पड़ा। गौरव ने एंबुलेंस चालक हरीश की मदद ली और महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।

महिला ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद दोनों को कमला नेहरू अस्पताल में पहुंचाकर वहां भर्ती कराया। बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के लोकसभा क्षेत्र में बने एम्स का नौ माह पूर्व 5 अक्तूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। संस्थान अभी तक पूर्ण रूप से सुचारू नहीं है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा कई ओपीडी भी शुरू नहीं हो पाईं। उपकरण भी अभी पूरे नहीं हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में सुविधाएं न मिलने पर सवाल उठने लगे हैं।

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