
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
2 जुलाई 2023

औषधीय गुणों से भरपूर पारंपरिक टौर पत्तल ऑफ सीजन में भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे। पत्तल पांच माह तक खराब नहीं होंगे। यह सब आधुनिक मशीन के जरिये संभव हो पा रहा है। मशीन के जरिये पत्तों की नमी सोखकर उसे एक प्लेट का आकार दिया जा रहा है। इससे हिमाचल के दूसरे जिलों और बाहरी राज्यों में भी इन पत्तलों को आसानी से सप्लाई किया जा सकेगा। बशर्ते टौर की पत्तल बनाते हुए सावधानी बरतनी पड़ेगी। नमी वाला पत्ता रहने पर यह खराब हो सकता है।
मंडी जिला सहित प्रदेश के अन्य जिलों में शादी समारोह या फिर बड़े आयोजनों में टौर के पत्तों से बनी पत्तलों पर खाना परोसा जाता है। जिले की महिलाएं पीढ़ी दर पीढ़ी टौर के पत्तों की पत्तलें बनाने का पारंपरिक कार्य करती आ रही हैं। जाइका परियोजना में वन मंडल मंडी के कुछ स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों को पत्तलें बनाने की मशीन उपलब्ध करवाई गई हैं। महिलाएं पहले जंगल से टौर पत्ते एकत्रित करती हैं और फिर सामान्य टौर पत्तल बनाती हैं।
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