
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
9 सितंबर 2023

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी करोड़ों के मालिक हैं। अब तक की गई जांच में सामने आया है कि कई आरोपियों के आलीशान बंगले, बाहरी राज्यों में प्रॉपर्टी और लाखों रुपये की गाड़ियां हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह खुलासा हुआ है। दोनों जांच एजेंसियां अलग-अलग आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने कई आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है।
अब प्रवर्तन निदेशालय की ओर से चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाना है। प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच सीबीआई की ओर से दर्ज मामले के आधार पर आगे बढ़ रही है। इस घोटाले में हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गईं है।
आपसी मिलीभगत से ही निजी संस्थानों को छात्रवृत्ति के लिए बजट जारी हुआ है। यही कारण रहा है कि छात्रवृत्ति का 80 प्रतिशत बजट निजी और 20 प्रतिशत बजट सरकारी संस्थानों को जारी किया गया। इन आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 के प्रावधानों के कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आरोपियों की संपत्ति, बैंक खाते से लेनदेन खंगाले जा रहे हैं।
फर्जी दस्तावेज से छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप
ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष, प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि फर्जी दस्तावेज पेश कर अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति घोटाला किया।
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