# पोषण माह के अंतर्गत रामपुर उप मंडल के गौरा में ग्रामीणों को बताए  पारंपरिक व्यंजनों का महत्व। 

खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन

इस दौरान आईसीडीएस की ओर से पारंपरिक अनाजों से बनाए  खान-पान कितने पोषक एवं निरोग होते हैं बताया विस्तार से । लोगों को भी किया गया सजग ।महिलाओं व बच्चों को एनीमिया से बचने के भी बताएं उपाय।
ग्रामीण दूर दराज बसे लोगों तक कुपोषण से बचाव  का संदेश पहुंचाने के लिए शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के गौरा में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण माह के तहत लोगो को बताया गया कि निरोग और स्वस्थ जीवन के लिए पारंपरिक अनाजों से बने व्यंजनों को अपने दैनिक भोजन में अधिक से अधिक इस्तेमाल  करना चाहिए। ताकि एनीमिया अथवा कुपोषण जैसी समस्या खत्म हो। शिविर में  उपस्थित लोगों  को बताया सरकार द्वारा इस वर्ष का थीम  सुपोषित भारत ,साक्षर भारत ,सशक्त भारत रखा गया है। उन्होंने  बताया की जंक फूड व अन्य बाजारू खान पान से महिलाओ और बच्चो में एनीमिया की समस्या बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए घरेलू एवम पारंपरिक फसलों को दोबारा से पैदा कर जन-जन तक  पहुंचाने के लिए लोगो को प्रेरित भी किया।  इस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं की भी महिलाओं को जानकारी दी गई ।जिसमें बाल संरक्षण अधिनियम, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि पारंपरिक विलुप्तप्राय अनाजों को फिर से  उगा कर अधिक से अधिक उपयोग अपने दैनिक जीवन  में खान-पान के रूप में  करें ताकि स्वस्थ एवं निरोग समाज का निर्माण किया जा सके।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर ज्वाला बलैई बाल विकास परियोजना रामपुर ज ने बताया कि इस माह को पोषण माह  के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत पुराने अनाजों से बने जो पकवान है, उनको बनाकर लाया गया है और महिलाओ को बताया जा रहा है कि कैसे पकवान बनाया जा सकता है और इसमें क्या-क्या गुण है । पारंपरिक पकवान क्यों यह जरूरी है और यहां प्रदर्शित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि पुराने अनाज जो विलुप्त होते जा रहे हैं उसके बारे में भी बताया जा रहा है। ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित और स्वस्थ रह सके।
 पंचायत प्रधान अजय राणा ने  बताया कि बाल विकास परियोजना द्वारा जो शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें पारंपरिक फसलों से बने पकवानों को प्रदर्शित किया गया है  यह भी बताया जा रहा है कि इन पारंपरिक फसलें निरोग एवं रसायनों से रहित होते है।   हम चाहते हैं कि इस तरह की  प्रदर्शनियों से लोगो में जागरूकता लाएं।
  आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मीरा कश्यप ने बताया कि आज गौरा में पारंपरिक पकवानों की प्रदर्शनी लगाई गई, ताकि ग्रामीण महिलाओं को बताया जा सके कि इन पकवानों में कौन से पोषक तत्व है। कैसे निरोग जीवन इन पकवानों के  सेवन से
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